छिंदवाड़ा,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा में शासकीय विमान से पहुंचे। विमानतल पर पुलिस के उच्चाधिकारियों, कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का भव्य स्वागत किया।
विमानतल से कमलनाथ एक खुले ट्रक में सवार होकर जुलूस की शक्ल में नगर के मुख्य मार्ग से सभा स्थल की ओर रवाना हो गए हैं। शहर में जगह-जगह स्वागत मंच बनाए गए हैं। नगरवासी और कांग्रेस कार्यकर्ता कमलनाथ का प्रथम नगरागमन पर स्वागत कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं में जोश है, जुनून है और उत्साह है। पुलिस को व्यवस्था जमाने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
हम सेवा दल में होते तो ठीक रहता
कमलनाथ के स्वागत के लिए खड़ी कांग्रेस नेत्रीयों और कार्यकत्रियों को जब आगे की कतार में जगह नहीं मिली तो उन्होंने कहा कि हम सेवा दल में होते तो ठीक रहता। दरअसल विमानतल पर कांग्रेस सेवा दल के नेताओं को कुछ ज्यादा ही तवज्जो मिल रही थी। वह कमलनाथ के अधिक निकट थे। बाद में जब कमलनाथ ने महिला नेत्रीयों को देखा तो वे उनके पास आए क्षणभर को रुके और हालचाल भी पूछा, जिन महिलाओं ने समस्या बताई उन्हें भोपाल आने का कहा।
बेनरों से नदारद हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
छिंदवाड़ा में तो कमलनाथ की ही जय-जयकार है। एक-दो बैनर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भी दर्शन हो गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया कहीं नजर नहीं आए। कांग्रेसी नेताओं से बात करो तो वह मुस्कुराते हैं। उनकी कैफियत है कि यहां के नेता तो कमलनाथ जी हैं, इसलिए वही सब जगह दिखाई देंगे।
जननी एक्सप्रेस को रास्ता दिया
कमलनाथ के जुलूस में चल रहे कांग्रेसियों का जुनून तो बहुत था लेकिन उन्होंने जोश में होश नहीं खोए। जब कमलनाथ का जुलूस चंदन गांव से गुजर रहा था, उसी समय एक जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस भीड़ में फंस गई, जिसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सेफ पैसेज देकर शीघ्रता से निकलवा दिया। जननी को जाने दो और जननी को आने दो, यह नारा कांग्रेस की एक महिला कार्यकत्री का है, जो कह रही हैं कि कमलनाथ ने सत्ता में आते ही ऐसा वातावरण बना दिया है कि अब बेटियों को अभिशाप नहीं समझा जाएगा।
फूलों की भी चोट लगती है
कमलनाथ के स्वागत में उमड़े कांग्रेसियों ने उन्हें फूलों की माला से लाद दिया। इसी दौरान माला पहनाते समय एक कार्यकर्ता की माला कमलनाथ की आंख से टकरा गई, जिसके बाद थोड़ी देर के लिए कमलनाथ असहज हो गए। बाद में उन्होंने मुस्कुराकर कार्यकर्ता की तरफ देखा मानो कह रहे हो फूलों की भी चोट लगती है जनाब।