नई दिल्ली,उभरती नई स्टार्टअप कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में तेजी लाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्धता के नियमों में परिवर्तन करने का निर्णय किया है। सेबी की ई-कॉमर्स, डेटा एनालिटिक्स और जैव-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में काम करनी वाली नये नये विचारों पर आधारित कंपनियों को पूंजी जुटाने और शेयर बाजार पर सूचीबद्ध करने के लिये कुछ रियायत देने की योजना है। सेबी की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में प्रस्तावित बदलावों पर चर्चा होगी। इसके अलावा ‘इंस्टीट्यूशन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ का नाम बदलकर ‘इन्वेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म’ करना भी शामिल है। नियमों में दी गई ढील से मौजूदा प्लेटफॉर्म को लेकर बाजार की बेरुखी को दूर करने में मदद मिलेगी।
विभिन्न हितधारकों की मांग के आधार पर नियमों को सरल बनाया गया है ताकि भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र में गतिविधियों के विस्तार को देखते हुए मंच अधिक सुलभ बनाया जा सके। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टार्टअप प्लेटफॉर्म की समीक्षा के लिए इस साल जून में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया था। समूह ने निवेशकों, बैंकरों और संपत्ति प्रबंधन कंपनियां समेत विभिन्न हितधारकों से सलाह-मशवरे के बाद सेबी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। प्रस्तावित बदलावों को सार्वजनिक टिप्पणी के लिए पेश किया गया था।
प्रस्तावित बदलाव में पात्र संस्थागत निवेशकों द्वारा निर्गम से पूर्व कम से कम 50 प्रतिशत इक्विटी पूंजी की जरुरत को खत्म करना शामिल है। सेबी ने प्लेटफॉर्म पर नए निवेशकों को आर्किषत करने के लिए शेयर पेशकश के लिये न्यूनतम आवेदन राशि 10 लाख रुपए से घटाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया है इसके अलावा संस्थागत निवेशकों को पेशकश का 75 प्रतिशत आवंटित करने और शेष 25 प्रतिशत को गैर-संस्थागत निवेशकों को आवंटित किया जा सकता है। सेबी ने किसी भी निवेशक श्रेणी के लिए कोई आरक्षण सीमा खत्म करने का सुझाव दिया है।