भारत कोई धर्मशाला नहीं कि कोई भी यहां आकर बस जाए: अमित शाह

नई दिल्ली, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि हम इस देश को धर्मशाला नहीं बनने देंगे कि कोई भी आकर यहां बस जाए। एनआरसी के मुद्दे पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस देश के संसाधनों पर सिर्फ उसका अधिकार है जो या तो यहां पैदा हुआ हो या फिर यहां की संस्कृति से इत्तेफाक रखता हो।
शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी चेताया और कहा की उसे जितना दबाने की कोशिश की जाएगी वह उतनी ही मुखर होती जाएगी.शाह ने एक समाचारपत्र के फोरम में दावा किया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हम पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे और तेलंगाना-मिजोरम में भी हमारी स्थिति मजबूत होगी। शाह ने एग्जिट पोल्स के बारे में कहा कि चुनाव के बाद जो एग्जिट पोल होते हैं उनका आकलन ये रहा है कि वो हमारे पक्ष में नहीं होता लेकिन नतीजे लगातार हमारे पक्ष में रहे हैं। 2019 में चुनावी मुद्दे क्या होंगे इस सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि विकास और राम मंदिर में से हम किसी भी मुद्दे पर चुनाव लड़ सकते हैं, कांग्रेस तो राम मंदिर के मुद्दे पर मुंह दिखाने लायक ही नहीं है। राम मंदिर बनाना हमारे चुनावी घोषणापत्र का मुद्दा था और हम सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं कि वहां हर हाल में जितना जल्दी हो सके राम मंदिर बनना चाहिए। भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनने के बारे में शाह ने कहा कि बीजेपी में ये पार्टी तय करती है और फिलहाल पार्टी में मेरे से सीनियर 15 लोग मौजूद हैं।
एनआरसी पर उन्होंने कहा कि इसे भाजपा के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। ये देश ऐसे नहीं चल सकता कि कोई भी आकर यहां बस जाए। इस देश में उन्हीं लोगों को रहने का अधिकार है, उन्हीं का इसके संसाधनों पर अधिकार है जो यहां पैदा हुए हैं या यहां की संस्कृति से इत्तेफाक रखते हैं। 70 साल से घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है लेकिन बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि इन्हें पहचान कर डिपोर्ट करना चाहिये। घुसपैठिये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं ये देश धर्मशाला नहीं है।

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