EVM पर बवाल कांग्रेस बोली अधिकारी भाजपा के दबाव में, लोकतंत्र की हत्या हो रही

भोपाल, सागर, खरगोन और सतना में मतदान के 48 घंटे बाद ईवीएम जमा होने और भोपाल में सीसीटीवी बंद होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार और मप्र के जिम्मेदार अफसरों व चुनाव आयोग पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस ने इन सभी मामलों की शिकायत की है। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ईवीएम से छेडछाड़ की घटनाएं बताती हैं कि भाजपा सरकार के संरक्षण में लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है।
कमलनाथ बोले- अफसर निष्पक्ष बनाए रखें
कमलनाथ ने ट्वीट किया- चुनावी कार्य में लगे सभी जि़म्मेदार प्रशासन के अधिकरियो से अपील है कि वे लोकतंत्र के महापर्व के अवसर पर मतगणना तक निष्पक्षता का आचरण करे। मतदान के दौरान कुछ अधिकरियों की गड़बड़ी की हमें शिकायत मिली है।
बड़ी साजिश की और इशारा – सिंधिया
शनिवार को कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया- ‘भोपाल में स्ट्रांग रूम के बाहर लगी एलईडी बन्द होना, सागर में गृहमंत्री की विधानसभा सीट की रिजर्व ईवीएम मशीनों का 48 घंटे बाद पहुंचना, सतना-खरगोन में अज्ञात बक्से स्ट्रांग रूम में ले जाने के वीडियो का सामने आना कही ना कही बड़ी साजिश की और इशारा है।मप्र कांग्रेस ने ट्वीट किया- ‘चुनाव के दिन बड़ी मात्रा में ईवीएम और वीवीपैट में गड़बड़ी पाई गई, मतदान की रफ़्तार दिन भर संदेहास्पद रही, और अब ईवीएम की सुरक्षा में सेंध की ख़बरें हैं। क्या किसी अधिकारी की कहीं कोई ग़लती नही..? या अधिकारी भी अब भाजपा के दबाव में कार्य कर रहे हैं..?
क्यों मचा बवाल
28 नवंबर को मप्र में विधानसभा चुनाव का मतदान हुआ। 11 दिसंबर को मतगणना होनी है। ईवीएम को सभी जिलों में बने स्ट्रांग रूम में रखा गया है। स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे अंदर का दृश्य बाहर एलईडी स्क्रीन में दिखाई दे रहा है। भोपाल में पुरानी जेल में बनाए गए स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए। सागर, खरगोन, स्ट्रांग रूम में 48 घंटे बाद रिजर्व ईवीएम लाई गईं। सतना में अज्ञात बक्से का स्ट्रांग रूम से ले जाने के मामले आए हैं।
अनूपपुर के मोहरी पोलिंग बूथ पर दोबारा मतदान
अनूपपुर जिले के मोहरी में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को पुर्नमतदान हुआ। चुनाव आयोग ने 28 नवंबर को यहां जो मतदान हुआ था, उसे निरस्त कर दिया था। यहां 550 वोट डाले गए थे। जबकि वहां के मतदान रजिस्टर में 606 मतदाताओं के नाम मतदान के लिए दर्ज किए गए हैं। इस वजह से 56 वोट का अंतर यहां सामने आया था।
आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा का मतदान संपन्न हो चुका है। तेलंगाना और राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होना है। इन सभी पांचों राज्यों में मतगणना का कार्य 11 दिसंबर को होगा। ऐसे में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले कह रहे हैं कि पूरे एक माह तक ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखने का औचित्य क्या है, इससे कहीं न कहीं गड़बड़ी होने की आशंका को बल मिलता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जब यह हाल है तो लोकसभा के चुनाव में क्या होगा। गड़बड़ी की खबरें चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा रही हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए 10 फीसद ईवीएम अतिरिक्त रखी गई थीं। मतदान के दौरान ईवीएम खराब होती हैं तो उनकी जगह इन मशीनों को बदलना था। 10 फीसदी ईवीएम मशीनें बगैर मॉक पोल के ही विभिन्न केंद्रों तक पहुंचा दी गईं।

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