भोपाल, मध्य प्रदेश में भाजपा और RSS स्तब्ध है, प्रान्त में साधु समाज कांग्रेस के समर्थन में खुल कर सामने आ गया है, जो लोग दबे-छुपे समर्थन कर रहे थे वह भी खुलेआम अब कांग्रेस के साथ आ गए हैं. मतदान 28 नवंबर को होने जा रहा है। ऐसे में साधु-संतों ने कांग्रेस के समर्थन में मंच साझा कर जहां भाजपा और संघ के गणित को बिगाड़ने का काम किया है वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों को अपने क्षेत्र में मजबूती प्रदान करने का काम भी कर दिया है।
शिवराज सरकार से नाराज साधु-संतों ने प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से कांग्रेस के समर्थन में जो चुनावी बिगुल फूंका उसका नजारा राजधानी भोपाल में भी देखने को मिला है। पुराने भोपाल के व्यस्ततम क्षेत्र इतवारा में कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद के समर्थन में हुई चुनावी सभा को संबोधित कर साधु-संतों ने कांग्रेस को खुला समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इससे भाजपा और संघ में घबराहट फैलती जा रही हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के शेष बचे दिनों में राजनीतिक पार्टियों ने जहां अपना पूरा दम-खम लगा दिया है तो वहीं अब तुरुप का इक्का भी शो करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जो पार्टी को सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ चुनाव मैदान में उतरने के दिशा निर्देश दिए हुए थे, उसे देखते हुए पर्दे के पीछे से पार्टी को समर्थन करने वाले लोग भी अब सामने आकर चुनाव प्रचार करते देखे जा रहे हैं। महज तीन दिन उपरांत मतदान होना है ऐसे में कोई भी दल किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखना चाहता है, इसलिए कहा जा रहा है कि साधु-संतों को आगे करके जो काम अभी तक भाजपा और संघ करती आई है अब वही काम कांग्रेस ने भी करके दिखला दिया है। कांग्रेस की चुनावी सभाओं में साधु-संतों के आने से जो लोग अभी तक पर्दे के पीछे से पार्टी का समर्थन करते देखे जाते थे वो भी अब सामने आते दिखे हैं।
शिवराज से नाराजगी का असर
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति साधु-संतों की नाराजगी का खासा असर देखा जा रहा है। इसे देखते हुए विश्लेषकों ने भी कहना शुरु कर दिया है कि साधु-संतों की नाराजगी भाजपा पर भारी पड़ सकती है। गौरतलब है कि शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त कंप्यूटर बाबा भी खासे नाराज हैं और उन्होंने जबलपुर स्थित नर्मदा नदी के तट पर ‘नर्मदा संसद’ का आयोजन कर अपने मन की बात को सभी के सामने रख दिया है।
नर्मदा संसद में कांग्रेस को समर्थन
जबलपुर में साधु-संतों ने ‘नर्मदा संसद’ का आयोजन किया था जिस पर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हुईं थीं। इस दौरान नर्मदा संसद के आयोजनकर्ता कंप्यूटर बाबा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का भी ऐलान कर सभी को चौंकाने का काम कर दिया। गौरतलब है कि कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सरकार से मिले राज्यमंत्री के दर्जे और पद को त्यागते हुए कांग्रेस के पक्ष में जाने का ऐलान कर दिया है। इससे जहां कांग्रेस को चुनाव प्रचार में बल मिला है तो वहीं भाजपा और संघ बैकफुट पर जाते दिखे हैं।