आज 59 साल बाद आया महासंयोग गुरु व शनि के दुर्लभ योग में मनाई जाएगी दिवाली

भोपाल,दीपोत्सव इस बार गुरु व शनि के दुर्लभ योग में मनाया जाएगा। 59 साल बाद मालब्य योग का महासंयोग बना है, जिससे धन धान्य में वृद्घि होगी। राजधानी के ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, नवंबर बुधवार को दिवाली पर गुरु ग्रह मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि में रहेगा। मंगल ग्रह शनि के स्वामित्व वाली कुंभ राशि में रहेगा। शनि ग्रह गुरु के स्वामित्व वाली राशि धनु में रहेगा। ये तीनो ग्रह एक दूसरे की राशि में रहेंगे। शुक्र अपनी खुद की तुला राशि में रहेगा। शुक्र के इस राशि में होने से मालव्य योग बन रहा है। इस योग में शुरू किए गए कार्यो से धन-धान्य की वृद्घि होती है। जिससे दिवाली पर की गई पूजा जल्दी शुभ फल प्रदान कर सकती है। इस वर्ष से पूर्व 1 नवंबर 1959 को दिवाली पर गुरु वृश्चिक में, शनि धनु राशि में था। जब बुधवार को दीपावली आती है तो यह बहुत ज्यादा शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है। यह योग व्यापार शुरू करने के लिए बहुत शुभ रहता है। व्यापार में लगातार उन्नति के योग बनते है। शुक्र के मालव्य योग से शुरू किए गए कार्य ऐश्वर्य, धन और सुख प्रदान होता है।
ये हैं शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या 7 नवंबर बुधवार दिवाली श्री महालक्ष्मी, कुबेर पूजन चौघडिया अनुसारः सुबह 6:00 से 7:00 लाभ, 7:30 से 9:00 अमृत, 10:30 से 12:00 शुभ, दिन 3:00 से 4: 30 चर, दिन 4:30 से 6:00 लाभ, रात्रि 7:30 से 9:00 शुभ, रात्रि 9:00 से 10:30 अमृत, 10:30 से 12:00 चर। स्थिर लगनः सुबह 7:12 से 9:28 वृश्चिक, दिन 1:20 से 2:53 कुंभ, शाम 6:05 से 8:03 वृष लग्न में पूजा-पाठ करना विशेष लाभ रहेगा।

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