किसान विरोधी हैं मामा और मोदी – गुलाम नवी आजाद

भोपाल, सांसद एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष, गुलाम नबी आजाद ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आज देश के कोने कोने से एक ही स्वर किसानों का सुनाई देता है, किसान विरोधी मामा और मोदी। किसानों के सब्र की इंतेहा हो गई। न फ़सलों के दाम मिल रहे हैं न जमीनों के अधिग्रहण का उचित मुआवजा। खेती पर लैबी की मार, आसमान छूती खाद की कीमतें, किसानों की बिजली, खेतो का पानी, डीज़ल की कीमतें, सब में बेतहाशा उछाल अर्थात खेती का लागत मूल्य आसमान छू रहा है और फ़सलों के दाम ज़मीन पर आ गए हैं। खाद्यान का निर्यात अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। इस सबके लिए किसान अगर शिवराज और मोदी सरकार से गुहार लगाता है तो बदले में उसे क्रूर और जुल्मी मोदी और मामा सरकारें कभी दिल्ली में 02 अक्टूबर विश्व अहिंसा दिवस पर लाठियों से लहूलुहान कर देती है तो कभी मध्यप्रदेश के मंदसौर और रायसेन में गोलियों से भून देती है। अंग्रेज़ी हुकूमत से भी बर्बर और क्रूर व्यवहार मोदी और मामा सरकार किसानों के साथ कर रही है।
मामा बनकर बहन-बेटियों को अपराध की आग में झोंका, बच्चों की शिक्षा में दिया धोखा
शिवराजसिंह चौहान ने सत्ता में आते ही स्वयं को बेटे-बेटियों का मामा बताकर खुद की प्रसिद्धी के लिए करोड़ों रूपये के विज्ञापन देकर अपनी छवि मामा की बनायी। जैसे जैसे मामा के रूप में शिवराज प्रसिद्ध होते गये, वैसे-वैसे मध्यप्रदेश के बेटियों और बच्चों के बुरे दिन प्रारंभ हो गये। बहन-बेटियों को अपराध की आग में झोंक दिया और बच्चों को कुपोषण और अशिक्षा की आग में।
मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा बलात्कार होते हैं। मामा के आने के बाद 70 प्रतिशत बलात्कार में इजाफा हुआ, 24.9 प्रतिशत नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार में इजाफा हुआ और 75.5 प्रतिशत अपहरण बढ़ गये। इसी प्रकार नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि मध्यप्रदेश में 32 प्रतिशत नाबालिग बच्चियों की शादियां करा दी जाती हैं। प्रदेश में 48 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।

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