RSS मंथरा और BJP कैकेयी दोनों मिलकर भगवान श्री राम को तीस साल से वनवास पर भेज रहे -कांग्रेस

भोपाल,कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज यहाँ कहा की आरएसएस मंथरा और भाजपा कैकेयी के सामान हैं जो दोनों मिलकर पिछले तीस सालों से भगवान राम को वनवास पर भेज रहे हैं। उन्होंने कहा चुनाव से तीन महीने पहले दोनों को भगवान श्रीराम की याद आती है और जैसे की राज्याभिषेक होता है,भगवान राम को वनवास पर भेज देते हैं।
उन्होंने कहा अब देश की जनता यह समझ गई है,उस पर इन दोनों की इस तरह की चाल बाजियों का कोई असर होने वाला नहीं है,सुरजेवाला से आरएसएस पृष्ठभूमि के भाजपा सांसद राकेश सिन्हा के राम मंदिर पर लाये जाने वाले निजी विधेयक पर सवाल किया गया गया था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखना बंद कर दें क्योकि मध्यप्रदेश के लोग एक साफ सुथरी और स्वच्छ छवि की सरकार चाहते है,उन्होंने कहा की कांग्रेस मध्यप्रदेश में सुशासन का वादा कर रही है। हमारी सरकार किसानों को खून के आँशु नहीं बहाने देगी उनकी हर जरूरत को पूरा करेगी उनके ऋण माफ़ी का पहले ही सरकार बनने के दस दिन के भीतर एलान किया गया है। सुरजेवाला ने कहा कि कंश ने भगवान कृष्ण को मारने के भरसक प्रयत्न किये पर वह सफल नहीं हो पाया हमारे लिए जनता ही कृष्ण है जिसका हमें साथ मिल रहा है और हमें यहाँ सरकार बनाने से कोई रोक नहीं सकता है।

धोखाधड़ी से बटोरे ‘कृषि कर्मण’ पुरस्कार
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी, कन्वीनर व प्रवक्ता, संचार विभाग, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, श्रीमती शोभा ओझा, मीडिया इंचार्ज, मध्यप्रदेश कांग्रेस व अभय दुबे, राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर, ने आज संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि शिवराज सरकार ने कृषि कर्मण पुरस्कार धोखाधड़ी से बटोरे हैं। सरकार के तथ्यों और कागजों ने शिवराज सरकार का छल-कपट व धोखा उजागर कर दिया। ढोल की पोल खुल गई। स्वयं की प्रसिद्धि की लालसा में देश की सरकार को भी धोखे में रख, झूठी जानकारियाँ भेज कर, षड़यंत्रपूर्वक तरीके से कृषि कर्मण अर्वार्ड हथिया लिए।
शिवराज सरकार ने साल 2012-13 से पांच ‘कृषि कर्मण अवार्ड’ पाने वाले बहुत ढोल नगाड़े बजाए, अपनी पीठ थपथपाई तथा करोड़ों रु. के विज्ञापन दे डाले। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के किसान को आत्महत्या की ड्योढ़ी पर पहुंचा दिया। कीमत व न्याय मांगने वाले असली धरती पुत्र किसानों को पुलिस की गोलियों से छलनी किया, वो चाहे रायसेन हो या मंदसौर। म.प्र. सरकार के ‘ढोल की पोल’ – हर साल केन्द्र को जो जानकारी भेजी, उसमें षडयंत्र के तहत कुल खाद्यान्न और गेहूँ का उत्पादन वर्ष दर वर्ष अलग अलग बता झूठे पुरस्कार हथियाऐ.

मामा के भाषण में किसानों का घोर अपमान –
भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया कहते हैं कि किसानों की आत्महत्या उनके पापों का फल हैं।
भोपाल से भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा कहते हैं आत्महत्या वहीं किसान करते हैं जो सबसिडी चाटने का काम करते हैं।
भाजपा नेता हाकिम सिंह आंजना कहते हैं कि किसान सबसे चोर और बेईमान जात होती है, इनको जूतों से मारना चाहिए। कितना शर्मनाक है कि अन्नदाता किसान खुद भूखा रहकर प्रदेश की भूख मिटाता है और भाजपा उसे कभी चोर, कभी सब्सिडी खोर कभी पापी बताती है।
फसल की नहीं हो रही खरीदी, न एमएसपी, न बोनस-शिवराज के वादे बोगस –
मध्यप्रदेश सरकार ने 20 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद की घोषणा की, जैसे उड़द, मूंग, मूंगफली, रामतिल इत्यादि। सोयाबीन, मक्का की फसलों पर 20 अक्टूबर से भावांतर योजना में 500 रु. प्रति क्विंटल बोनस भी देने की घोषणा कर डाली।
खरीफ फसलों की आवक 15 सितंबर से ही मंडी में हो जाती है पर किसान को कीमत न देने के लिए 20 अक्टूबर की तिथि निश्चित की। सोयाबीन मंडी में आते ही 3399 रु. प्रति क्विंटल का एमएसपी मिलने की बजाए 2200 रु. से 2600 रु. में पिटा।मक्का की फसल का एमएसपी 1700 पर पिटी 1100 से 1500 रु. में। मूंग का एमएसपी 6975 रु. क्विंटल पर बाजार में बिकवाली हुई, 5200-5300 रु. में। एक भी ऐसी मंडी नहीं, जहां उड़द, मूंग, अरहर, चना, मसूर, सोयाबीन, मक्का, मूंगफली, एमएसपी पर बिकी हो। शिवराज सरकार की एमएसपी खरीद नीति ही केवल 25 प्रतिशत फसल एमएसपी पर खरीदने बारे निर्धारित करती है, तो बाकी फसल का क्या होगा।
कंस मामा की हेराफेरी, गोलमाल व घालमेल का अंत अब निश्चित है। कंस मामा के अहंकार का अंत करेगा कृपारूपी अन्नदाता किसान।

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