(मध्यप्रदेश चुनाव 2018 विशेष) पन्ना, भाषागत रूप से बुंदेली और बघेलखण्ड के बीच स्थित मध्यप्रदेश का पन्ना जिला दुनिया में हीरों की चमक की वजह से जाना जाता है,यहाँ का गुजरात कनेक्शन भी चुनाव में अहम् रहता हैं,यह धमियों का तीर्थ स्थल भी है,जो नेताओं की बाजीगरी से पलट नतीजे भी देता रहा है। पन्ना में भी विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है,राजनैतिक दलों में प्रत्याशी चयन एवं टिकट को लेकर भोपाल दिल्ली तक अपनी गोटियां बैठाने में राजनैतिक दलो से तालोकात रखने वाले नेता लग गये हैं पन्ना जिले में तीन विधानसभा सीट है ये हैं पन्ना, पवई और गुन्नौर। इनमे से दो सीटों पर फ़िलहाल भाजपा का कब्ज़ा है जबकि एक पर कांग्रेस विधायक है। वहीँ 2008 के चुनाव में भाजपा ने तीनों सीट जीती थी। इस बार भाजपा के लिए चुनौती होगी वापस तीनो सीट बरक़रार रखना।
पवई :
पन्ना जिले की सबसे चर्चित विधानसभा क्षेत्र पवई में इस बार पुनः चनावी संग्राम दिलचस्प होगा पवई विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह लगातार दो बार 2003 और 2008 से विजय होते आ रहे हैं। लेकिन पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बुजेन्द्र प्रताप सिंह इस बार पुनः भाजपा की ओर से सशक्त दावेदार हैं। 27 साल बाद पवई विधानसभा में भाजपा द्वारा लागातार दो बार भाजपा ने सीट जीती थी बृजेन्द्र सिंह ने 2003 में बाहुबली विधायक कु0 अशोक वीर विक्रम सिंह को 15084 वोटों से हराया था तथा 2008 में कांग्रेस के कददावर नेता मुकेश नायक को 1090 मतों से पटकनी दे चुके है उस समय नायक ने भाजश से चुनाव लड़ा था। 2013 में बृजेन्द्र सिंह को मुकेश नायक के हाथों 11695 वोटों से हार का मुहं देखना पड़ा।
गुन्नौर :
2008 के चुनाव में परिसीमन के बाद यह सीट सामने आयी। गुनौर में कांग्रेस को रोकने का काम बसपा करती है ज्यादातर बसपा में दलित समाज का वोट चला जाता है जिससे कांग्रेस चुनाव हार जाती है पिछले 2013 चुनाव में कर्ग्रेस पार्टी के उम्मीदवार शिवदयाल बागरी लगभग हजार वोट वोटों से चुनाव का हार का सामना करना पड़ा इसकी मुख्य वजह थी की गुनौर में बागरी समाज का मात्र लगभग दो हजार ही वोट हे दूसरा कारण बहुजन समाज पार्टी के जो उम्मीदवार थे देवीदीन आशु वह बहुत ही कमजोर उम्मीदवार साबित हुए है बसपा का वोट जो पिछले चुनाव में लगातार बढ़ता जा रहा था अब कम हुआ है। फ़िलहाल गुन्नौर में भाजपा का कब्ज़ा है 2013 में भाजपा के महेन्द्र सिंहने कांग्रेस के शिवदयाल को 1337 मतों से हराया था। जबकि 2008 के चुनाव में भाजपा के राजेश वर्मा ने कांग्रेस के फुंदरलाल चौधरी को 4828 वोटो से हराया था।
पन्ना :
पन्ना विधानसभा क्षेत्र यूँ तो भाजपा का गढ़ है पिछले तीन चुनावों से यहाँ भाजपा लगातार जीतती आ रही है , लेकिन यहाँ कांग्रेस के अलावा बसपा भी प्रभाव रखती है। पिछले तीन चुनाव में भाजपा से कुसुम सिंह मेहदेले लगातार चुनाव जीत रही हैं पिछले चुनाव 2013 में उन्होंने बसपा के लोधी महेंद्र प्रताप को 29000 से अधिक मतों से पराजित किया था। वहीँ 2008 में उन्हें बेहद करीब जीत मिली उन्होंने कांग्रेस के श्रीकांत दुबे को मात्र 41 वोटों से हराया था। जबकि 2003 में मेहदेले ने बड़ी जीत हासिल की थी उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश पटेल को 22000 वोटों से हराया था। लोक सभा चुनाव में भी पन्ना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विजयी रही। फिलहाल इस बार मेहदेले के फिर चुनाव को लड़ने को लेकर कयास लगाए जा रहे है शायद उम्र चुनाव न लड़े ऐसे में भाजपा को कोई तगड़ा प्रत्याशी बनाना पड़ेगा।
हीरे की नगरी में बाहुबलियों का रहा है दबदबा , कमल दल को है चमक फीकी पड़ने का डर
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