नई दिल्ली,देश की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को सीबीआई की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें हिंदुजा बंधुओं को बोफोर्स तोप की खरीद में श्वितखोरी के आरोपों से बरी करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने इस अपील को खारिज कर दिया और जांच एजेंसी से उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने में 13 वर्षो की देरी करने पर सवाल उठाए।
CJI ने अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल से कहा आपके तर्क और देरी के कारण से सहमत नहीं हैं। अदालत ने हालांकि कहा कि सीबीआई अपनी दलीलें रख सकती है, क्योंकि वह अधिवक्ता अजय अग्रवाल द्वारा 2005 के आदेश को चुनौती देने में एक वादी थी। दरअसल सीबीआई ने 4,522 दिनों बाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। 2005 में बोफोर्स तोप की खरीद में कथित रिश्वतखोरी के मामले में ब्रिटेन के श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंदुजा को बरी किए जाने के फैसले के विरुद्ध सीबीआई ने इस वर्ष फरवरी में शीर्ष न्यायालय का रुख किया था। सीबीआई ने कुछ नए तथ्यों का हवाला दिया और कहा कि इसकी जांच कराए जाने की जरूरत है। एजेंसी ने इसे ही आधार बनाकर बोफोर्स मामले को दोबारा खोले जाने का आग्रह किया था।