नई दिल्ली,आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष की राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन को मजबूती प्रदान करने की कोशिश जारी है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने भी तीसरे मोर्चे को बनाने में कांग्रेस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में नायडू ने गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को शॉल भी ओढ़ाया। राहुल ने चंद्रबाबू नायडू से कहा कि बीजेपी सभी संस्थानों को खत्म करने में लगी है। बीजेपी से देश के भविष्य को बचाना है। यही हमारी प्राथमिक्ता है। उन्होंने कहा कि हम दोनों पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढ़ेंगे। राफेल सौदे को लेकर बीजेपी पर दोबारा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है। राफेल जांच से पहले सीबीआई में बदलाव किया है।
राहुल गांधी ने कहा कि हम सब मिलकर बीजेपी को हराने का काम करेंगे। बीजेपी देश की संस्थाओं पर हमला कर रही है। सभी चीजों का जवाब सही समय पर देंगे। देश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, भष्टाचार हो रहा है, राफेल का मुद्दा है, अनिल अंबानी और ३० हजार करोड़ रु और किसान के मुद्दे पर हम चुनाव लड़ेंगे। इस बीच राम मंदिर के सवाल पर राहुल गांधी ने जवाब देने से बचते नजर आए।
राहुल गांधी के साथ चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया। हफ्ते भर के अंदर ही नायडू की यह दूसरी दिल्ली यात्रा है। पिछले ही हफ्ते नायडू ने कहा था कि ‘राजनीतिक बाध्यता’ गैर भाजपा दलों को भाजपा से मुकाबला करने के वास्ते तीसरा मोर्चा बनाने के लिए साथ आने को बाध्य करेगी। भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद में सहयोगी की भूमिका में नजर आ रहे नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर भेंट की। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा से लोहा लेने के लिए नायडू सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में हैं।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और टीडीपी के बीच सीटों के बंटवारे पर भी बातचीत हो रही है। दिल्ली में गुरुवार को राहुल गांधी से मुलाकात करने से पहले नायडू ने २०१९ के लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए अखिल भारतीय गठबंधन बनाने के अपने प्रयास के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला से भी मुलाकात की है। नायडू यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘संयोग से’ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से भी मिले और उन्होंने उनके साथ गैर भाजपा दलों को साथ लाने की जरूरत के बारे में चर्चा की। कभी भाजपा के सहयोगी रहे नायडू ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने से नाराज होकर इस साल की शुरूआत में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ दिया था। नायडू ने २७ अक्टूबर को दिल्ली में बसपा प्रमुख मायावती, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा से भी मुलाकात की थी।