DSP देवेंद्र कुमार से बरामद हुए गोपनीय दस्तावेज

नई दिल्ली,सीबीआई ने अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार से पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड मांगते हुए कहा कि उन पर शिकायतकर्ता सतीश बाबू सना से ३ करोड़ रु की उगाही और बयान में फेरबदल करने का आरोप है। इसके अलावा 20 और 21 अक्तूबर को उनके घर व कार्यालय से ऐसे गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो उसके पास नहीं होने चाहिए थे। एजेंसी की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में पेश वरिष्ठ लोक अभियोजन अधिकारी विवेक सक्सेना ने कहा कि मामले में साक्ष्यों और उगाही की साजिश में शामिल अन्य अधिकारियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिये देवेंद्र कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। उन्हें केस की जांच के लिए हैदराबाद भी लेकर जाना है।
इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता राहुल त्यागी ने कहा कि देवेंद्र कुमार को मामले में फंसाया गया है। वह जिस मामले की जांच कर रहे थे उसमें सीबीआई के दो पूर्व निदेशकों एपी सिंह और रंजीत सिन्हा के नाम आ रहे थे। मीट कारोबारी मोइन अख्तर कुरैशी के मामले में जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक करनैल सिंह ने सीबीआई को पत्र लिखकर इसकी जांच करने का आग्रह किया था। तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक अरुण कुमार ने उस पत्र के आधार पर केस दर्ज किया था। ईडी की पूछताछ के दौरान सामने आया था कि कुरैशी ने पूर्व निदेशक एपी सिंह और रंजीत सिन्हा के नाम पर सतीश सना से करोड़ों रुपये की उगाही की। यह उगाही उसके भाई सुरेश सना के मामले को निपटाने के लिये की थी। कुरैशी सतीश सना को लेकर रंजीत सिन्हा के आवास पर भी गया था। सीबीआई ने इस आधार पर मोइन कुरैशी, आदित्य, प्रदीप कनेरू, एपी सिंह और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। देवेंद्र इस केस की ईमानदारी से जांच कर रहे थे। देवेंद्र ने एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों को इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव भी दिया था। बचाव पक्ष ने कहा कि कुरैशी केस की जांच के दौरान विशेष निदेशक और एसआईटी प्रमुख राकेश अस्थाना को पता चला कि मौजूदा निदेशक आलोक वर्मा पर भी शक की सुई जा रही है। उन पर कार्रवाई के लिये अस्थाना ने केबिनेट सचिव को पत्र भी लिखा था। इसलिए केस की जांच लटकाने के लिए अस्थाना, देवेंद्र कुमार व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

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