अयोध्या,अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर अब हलचल तेज हो गई है। एक तरफ जहां संघ के स्थापना दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग की तो वहीं अब वीएचपी ने मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से भरे 70 ट्रकों की मांग कर दी है। इसके साथ मंदिर निर्माण की तैयारियां आगे बढ़ा दी गई हैं।
जानकारी अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जब से मंदिर निर्माण के लिए सरकार से कानून बनाने की मांग की है तभी से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर फिजा बदल गई है। यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक कारसेवकपुरम का रुख करते देखे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनका स्वागत स्थानीय पुजारी और भक्त आगे बढ़कर कर रहे हैं। इसी के साथ राम मंदिर निर्माण की हलचलें भी तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद ने पत्थरों से भरे 70 ट्रकों की मांग की है, ताकि काम को आगे बढ़ाया जा सके। गौरतलब है कि 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई होनी है, ऐसे में सभी की नजरें अदालत पर टिकी हुई हैं। समझा जा रहा है कि अदालत के फैसले के फौरन बाद ही वीएचपी मंदिर निर्माण को युद्ध स्तर पर शुरु करने वाला है। सबसे पहले तीन मंजिला मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से भरे ट्रकों का ऑर्डर दिया गया है। इस निर्माण के लिए कारीगरों से बातचीत चल रही है। इस तरह की तैयारियों से बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी खुश नहीं हैं और उनका कहना है कि अभी मामला अदालत में लंबित है, इसलिए सरकार को वीएचपी को इस तरह के कार्य करने से रोकना चाहिए।
भागवत ने की मंदिर निर्माण हेतु गणेश मंदिर में प्रार्थना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पुणे स्थित मशहूर गणेश मंदिर में विशेष प्रार्थना की। जानकारी अनुसार भागवत ने श्रीमंत दगड़ुसेठ हलवाई गणपति मंदिर में पुरोहित मिलिंद राहुरकर के मार्गदर्शन में विशेष प्रार्थना की। वहीं मीडिया से बात करते हुए भागवत ने कहा कि यही सही समय है जबकि भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया जाए। यह अलग बात है कि भागवत ने विशेष प्रार्थना की वजह नहीं बताई। इस प्रार्थना का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें पुरोहित मंत्रोच्चार करते तो पीछे-पीछे भागवत भी उन्हें दोहराते देखे गए हैं। इसी बीच राम मंदिर और राम राज्य शब्द भी सुनने को मिलते हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह प्रर्थना मंदिर निर्माण को लेकर की गई है।