भोपाल,मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सोशल मीडिया वॉर रूम बनाए हैं। भाजपा के आईटी सेल इंचार्ज शिवराज सिंह डाबी के मुताबिक करीब 70,000 भाजपा साइबर वॉरियर्स चुनाव में जान झोंक रहे हैं और कांग्रेस के ‘राजीव के सिपाही’ से लड़ने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। दूसरी ओर ‘राजीव के सिपाही’ मतलब साइबर वॉरियर्स भी कमर कस चुके हैं और दोनों दलों के बीच जोरदार मुकाबला चल रहा है। इस बार राजनीतिक दल सिर्फ ज़मीन पर कम और सोशल मीडिया पर ज्यादा लड़ रहे हैं। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार हो रही खींचतान भी इसका इशारा कर रही है। फिलहाल एक आंकड़े के मुताबिक मध्य प्रदेश में करीब 3 करोड़ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें साधने में भाजपा लंबे वक्त से लगी हुई है। मध्य प्रदेश में 2 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर के डेटा भाजपा के पास है, जिसके चलते किसी भी मेसेज को महज़ एक घंटे में पूरे मध्यप्रदेश में वायरल किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा के भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में बने वॉर रूम में अलग-अलग शिफ्ट में काम चल रहा है। भाजपा की आईटी और सोशल मीडिया टीम के संयोजक शिवराज सिंह डाबी के मुताबिक मध्यप्रदेश में डेढ़ करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं और करीब 5 लाख ट्विटर यूजर हैं, लेकिन इन सबसे ज्यादा संख्या पूरे प्रदेश में व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वालों की है। डाबी के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2 करोड़ से ज्यादा वॉट्सऐप यूजर के डेटा भाजपा के पास है, जिसके चलते किसी भी मेसेज को महज़ एक घंटे में पूरे मध्य प्रदेश में वायरल किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा के भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में बने वॉर रूम में अलग-अलग शिफ्ट में काम चल रहा है। वॉर रूम में बैठा हर शख्स कम्प्यूटर स्क्रीन या मोबाइल पर नज़र गढ़ाए बैठा रहता है। लैपटॉप पर उंगलियां तेज़ी से चल रही हैं। ये नए जमाने का युद्ध है, जो आमने-सामने नहीं, बल्कि छुप-छुपकर इंटरनेट पर लड़ा जा रहा है। भाजपा की आईटी और सोशल मीडिया टीम के संयोजक शिवराज डाबी के मुताबिक दिन की शुरुआत एजेंडा तय करने के साथ होती है।
इस वॉर रूम में बैठकर प्रदेश भर के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में वायरल हो रही चीजों पर नज़र रखी जाती है। किसी की ज़िम्मेदारी फेसबुक पर नज़र बनाए रखने की है, तो किसी पर ट्विटर का ट्रेंडिंग टॉपिक तय करने की जिम्मेदारी है। लेकिन इन सब के बीच जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज है, वो है सामने वाले को कमज़ोर न आंकना। वॉर रूम में यदि भाजपा और उसके नेताओं की छवि को सोशल मीडिया में चमकाया जाता है, तो वहीं विपक्षी दल के नेताओं के सोशल मीडिया एकाउंट पर भी पैनी निगाह रखी जाती है, ताकि उनकी हर एक गतिविधि मालूम रहे और गलती पकड़ में आते ही इंटरनेट पर उसे न सिर्फ वायरल किया जाए, बल्कि कोशिश यह भी होती है कि उसे ट्रेडिंग टॉपिक भी बनाया जाए। फिलहाल 50 लोगों की एक टीम प्रदेश कार्यालय मे बने वॉर रूम की कमान संभाल रही है, तो वहीं 5 हज़ार लोगों की कोर टीम पूरे प्रदेश में काम कर रही है विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अपनी सोशल मीडिया टीम को और मजबूत कर रही है। भाजपा की योजना सभी 65 हज़ार से ज्यादा बूथों में सोशल मीडिया टीम बनाने की है, ताकि घर-घर में इस्तेमाल हो रहे सोशल मीडिया पर मजबूत पैठ बनाई जा सके।
वहीँ कांग्रेस की राज्य ईकाई के आईटी सेल इंचार्ज धर्मेद्र बाजपेयी ने जून से ही भाजपा को टक्कर देने की तैयारी शुरू कर दी थी। कांग्रेस पार्टी के आईटी सेल का पूरा फोकस फेसबुक, ट्विटर और विशेषतौर पर वॉट्सऐप पर है। इसमें प्रदेश के चुनाव प्रभारी कमलनाथ की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। कमलनाथ पार्टी के सोशल मीडिया कैंपेन को लेकर इतने सतर्क हैं कि हाल में उन्होंने अपनी सोशल मीडिया टीम को ही फटकार लगा डाली थी। कांग्रेस का कहना है कि हम सिर्फ जनता से जुड़े मुद्दों पर बात करेंगे, नेगेटिव पब्लिसिटी पर फोकस नहीं करेंगे। कांग्रेस पार्टी के वेबपोर्टल, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के अकाउंट पर लाइव प्रसारण भी किए जा रहे हैं।
इससे पहले भाजपा सोशल मीडिया पर कांग्रेस पछाड़ने के लिए शिवराज सिंह चौहान को बाहुबली के तौर पर पेश कर चुकी है, जिसके जवाब में कांग्रेस ने कमलनाथ को सिंघम बनाकर मैदान में उतारा दिया। कांग्रेस पार्टी कमलनाथ को हल्क बनाकर भी सोशल मीडिया पर उतार चुकी है। मतलब चुनाव अब सिर्फ भाषण और वादों तक सीमित नहीं रह गए हैं। यहां मुकाबला क्रिएटिविटी को लेकर भी हो रहा है। भाजपा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा एक्टिव हैं और कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बल्ले-बल्ले है। हालांकि सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज से काफी पीछे हैं। शिवराज रोज़ाना औसतन 12 और ज्योतिरादित्य सिंधिया सिर्फ 4 ट्वीट कर रहे हैं। पीसीसी चीफ इस दौड़ में काफी पीछे हैं वो रोज़ औसतन सिर्फ 3 ट्वीट कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के अब तक के कुल 22 हज़ार से ज़्यादा ट्वीट हैं। इनमें सबसे ज़्यादा सरकारी योजनाएं हैं या फिर कांग्रेस के दिग्गजों पर तीखे वार। सोशल मीडिया पर उनके 45 लाख फॉलोअर्स हैं। कमलनाथ के अधिकतर ट्वीट्स में निशाने पर मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार रहते हैं। वो सीएम-पीएम पर जमकर निशाना साध रहे हैं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस में सबसे लोकप्रिय चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। कांग्रेस में सोशल मीडिया का सबसे लोकप्रिय चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। उनके 12 लाख से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं। ट्वीटर फॉलोवर्स में भाजपा आगे है लेकिन ट्वीट्स में वो कांग्रेस से पीछे है। भाजपा एमपी प्रोफाइल के 2 लाख 89 हजार फॉलोअर्स हैं लेकिन ट्वीट केवल 9,512 हैं। कांग्रेस के 1 लाख 70 हजार फॉलोअर्स हैं और ट्वीट भाजपा से कहीं ज़्यादा करीब 35 हज़ार हैं।