अमृतसर,अमृतसर में धोबी घाट के समीप जोड़ा फाटक के पास रावण दहन के समय हुए ट्रेन हादसे में अब तक 61 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में किसी के घर का इकलौता चिराग बुझ गया, तो किसी की पत्नी की जान चली गई। किसी से भाई का साथ छूट गया, किसी का सुहाग उजड़ गया। हर तरफ चीख पुकार, चीत्कार और तबाही का मंजर ऐसा कि दिल दहल जाए देखकर।
इस हादसे के 16 घंटे बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अमृतसर पहुंचे और घटनास्थल पर जाने से पहले एयरपोर्ट पर ही मंत्रियों से मंत्रणा की। पूरे हादसे की रिपोर्ट ली, साथ ही हर संभव व्यवस्था और इंतजाम करने के निर्देश दिए। अमृतसर ट्रेन हादसे में घायल लोगों को अमृतसर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, 7 लोगों की हालत अभी तक गंभीर बनी हुई है। कई मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। 29 शवों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। घटना में बड़ी संख्या में लोग बुरी तरह घायल हुए हैं जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है। पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंच हैं। चश्मदीदों ने बताया कि यह मंजर 1947 से भी ज्यादा वीभत्स था जब किसी के हाथ तो किसी के पैर यहां वहां कटे हुए पड़े हुए हैं।
घायलों से मिलने पहुंचे सिद्धू
अमृतसर ट्रेन हादसे में घायलों से मिलने के लिए शनिवार सुबह मंत्री नवजोत सिद्धू अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए यह वक्त बेहद मुश्किल है। सभी को मिल जुलकर इस मुसीबत का सामना करना होगा। यह एक हादसा था, जिसने पंजाब को कभी न भूल सकने वाला दर्द दे दिया।