वन्य प्राणि सप्ताह का समापन 25 प्रतियोगिताओं में 6000 विद्यार्थियों ने भाग लिया

लखनऊ,प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह के नेतृत्व में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्याान लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय वन्य प्राणि सप्ताह 2018 का आज समापन हुआ। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ करने के उपरान्त मुख्य अतिथि, प्रमुख सचिव, वन एवं वन्यजीव विभाग, श्रीमती कल्पना अवस्थी ने वन्य प्राणि सप्ताह के अवसर पर दिए गए योगदान एवं अभिनव प्रयासों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे वर्ष 2019 में आयोजित होने वाले वन्य प्राणि सप्ताह के लिए नवीन गतिविधियों व अभिनव प्रयासों हेतु अभी से योजना तैयार करना प्रारम्भ कर देें। प्रमुख सचिव ने कहा कि वन्य प्राणि सप्ताह के उद्देश्यों में वन्य प्राणियों के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करवाना, दृष्टिकोण व व्यवहार में परिवर्तन एवं विगत एक वर्ष व आगामी वर्षों के क्रिया कलापों पर आत्मचिंतन करना भी शामिल है। श्रीमती अवस्थी ने विगत 3 वर्षों से आयोजित हो रहे बर्ड फेस्टिबल का उल्लेख करते हुए कहा कि इस आयोजन में विद्यार्थियों सहित समस्त वर्गों के सुझावों को शामिल कर व्यापक व विकेन्द्रित तरीके से आयोजित कर बर्ड फेस्टिवल को जन आंदोलन का रूप दिया जाना आवश्यक है।
विशिष्ट अतिथि प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उ0प्र0 श्री एस0के0 उपाध्याय ने इस अवसर पर वन्य प्राणि संरक्षण सप्ताह की भूमिका व पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में प्रकृति के साथ समबन्ध अंसतुलित होने पर मानव अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगता है। वन्य प्राणियों के प्राकृतवास पर अतिक्रमण से मानव वन्य प्राणि संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही एवं मानव वन्य जीव संघर्ष को दैवी आपदा घोषित करने से वन्य प्राणि प्रबन्धन की दिषा में नए आयाम स्थापित हुए हैं। श्री उपाघ्याय ने कहा कि हमारी समृद्ध परम्परा व संस्कृति के कारण ही सम्पूर्ण विश्व का केवल 2.4 प्रतिषत भू-भाग व अत्यधिक जनसंख्या होने पर भी हमारा देष प्राकृतिक संसाधनों व वन्य प्राणियों की दृष्टि से समृद्धतम देशों मे से एक हैै।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव उत्तर प्रदेश पवन कुमार ने समस्त आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अथर्ववेद की सूक्ति ‘‘ हमारी इच्छा- हमारी आयु लम्बी हो, हमारे बच्चे दीर्घायु व बीमारियों से मुक्त हो, हम धरती की गोद में पलते हैं, ऐसी धरती को नमन करते हुए सर्वस्व अर्पण करें’’ का उल्लेख करते हुए पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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