मुरैना,जल, जंगल और जमीन की लड़ाई को लेकर एकता परिषद के द्वारा खड़ा किया गया 25000 लोगों का आंदोलन आज राहुल गांधी के आश्वासन के बाद खत्म हो गया है.राहुल गांधी एकता परिषद के आंदोलन और भूमिहीन आदिवासियों को संबोधित करने के लिए मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में आए हुए थे। इस दौरान राहुल गांधी ने मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा अगर वह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ-साथ अगर केंद्र में आते हैं, तो एकता परिषद की सभी मांगों को मानेंगे। वहीं एकता परिषद ने अल्टीमेटम दिया है की उन्होनें सत्ता पक्ष और विपक्ष को केवल छह महीने का वक्त दिया है।
एकता परिषद की 5 सूत्रीय मांगों को लेकर यात्रा 4 अक्टूबर को ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच की थी। जिसमें भूमिहीन आदिवासियों का 7 किलोमीटर का काफिला 25000 लोगों के साथ केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए निकला था। एकता परिषद का कहना था मौजूदा सरकार से 4 साल में उनका 40 बार संवाद हु्ुआ लेकिन सफलता हाथ नही लगी थी,इसलिए उन्होंने आंदोलन किया और ग्वालियर से इसकी अगुवाई की। वहीं आज राहुल गांधी ने एकता परिषद के बैनर पर मोदी सरकार को जमकर घेरा है, साथ ही भूमिहीन आदिवासियों से वायदें किए है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने देश में विकास की परंपरा शुरू की है, जबकि भाजपा ने केवल पूंजीपतियों को बढ़ाने का काम किया है। भाजपा देश में सामान्य नागरिक के हितों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। कांग्रेस अध्यक्ष मध्यप्रदेश पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। पिछले 20 दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष की प्रदेश की यह तीसरी चुनाव प्रचार यात्रा है। मुरैना में इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
राहुल गांधी ने कहा हम जमीन अधिग्रहण बिल लाये, किसान से पूछकर जमीन ली जाएंगी, मार्केट रेट से 4 गुना पैसा दिया जाएगा 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनाये, कुछ दिनों में बीजेपी उस बिल को रद्द करना चाहते थे। उन्होंने कहा मप्र, छग, राजस्थान, उप्र की सरकार ने पीएम मोदी के आदेश पर बिल रदद् किया। मोदी सरकार ने पूरे देश मे पंचायतीराज को खत्म किया तो जितना पैसा मनरेगा में यूपीए ने खर्च किया, उतना पैसा नीरव मोदी चोरी करके भाग जाता है,आम आदमी के पैसे को अनिल अंबनी को दिया, इतना ही पैसा किसानों को क्यों नही दे देते हो। उन्होंने कहा 15 उधोगपतियों को फायदा पहुचा रहे पीएम मोदी। वहीं एकता परिषद के बैनर पर आदिवासियों के द्वारा खड़े किए आंदोलन में मध्य प्रदेश के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिवराज सरकार और मोदी सरकार को जमकर घेरा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आदिवासियों की आवाज नही उठी है, बल्कि ये लोग अपनी पहचान की आवाज उठा रहे है। लेकिन जिन आदिवासियों ने छत्रपति शिवाजी के साथ मिलकर मुगलों का सामना किया उन्हें बीजेपी सरकार भूल गयी है। इसलिए मैं अब बीजेपी का नाम रखा है…. बहुत ही झूठी पार्टी, विश्वाघात पार्टी है। वहीं कमलनाथ ने भी मंच से शिवराज सरकार को घेरा। ज्योतिरादित्य सिंधिया, ने कहा सोनियाजी और राहुलजी का प्रण है, जान जाए पर वचन न जाएं, लेकिन बीजेपी का है वचन जाए, लेकिन जान नही जाएं। उन्होंने कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आदिवासी महिलाओं के पैर धोते है, लेकिन वही जहरीली चप्पल पहना देते है।
कमलनाथ ने कहा की शिवराज सरकार और मोदी सरकार ने कुछ नही किया है सिर्फ जनता को भ्रमित किया है वहीं देशभर के भूमिहीन आदिवासियों की आवाज को बुलंद कर रहे एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीव्ही ने जन आंदोलन को स्थागित करने की घोषणा कर दी। राजगोपाल ने कहा है कि उन्हें केंद्र सरकार और सूबे की शिवराज सरकार की तरफ से आश्वसन मिल गया है। इसलिए उन्होनें अपने आदोंलन को खत्म कर दिया है। लेकिन दोनों ही दल को 6 महीने का वक्त दिया है,अगर वे हमारी 5 सूत्रीय मांगे पूरी नही करते है तो फिर से देशभर की राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया जाएंगा।