अहमदाबाद,गुजरात में उत्तर भारतीयों को गुजरात से बाहर हटाओ के नारे के साथ जगह-जगह उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं,हिंदी भाषियों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासियों पर पिछले 5 दिनों से लगातार हमले हो रहे हैं। गुजरात में हिंदी भाषियों को पर- प्रांतियो के नाम से जाना जाता है।
गुजरात में अभी तक 20 से ज्यादा हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। साबरकांठा, मेहसाणा, अरवल्ली, गांधीनगर और अहमदाबाद के कुछ इलाकों में पर प्रांतियों के ऊपर हिंसक हमले हुए हैं। गुजरात के प्रदर्शनकारियों ने कई फैक्ट्रियों और जहां हिंदी भाषी श्रमिक रहते हैं। उनके घरों पर तोड़फोड़ करके आगजनी की हैं। अहमदाबाद के चांद लोडिया इलाके में भी दुकानों और वाहनों पर तोड़फोड़ की गई है। गुजरात पुलिस ने अभी तक हमलों के आरोप में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। साबरकांठा जिले के ढूंढर गांव में 4 माह की एक बच्ची के साथ बलात्कार की घटना के बाद, यह बवाल शुरू हुआ। इस मामले का मुख्य आरोपी एक श्रमिक है। जो बिहार का रहने वाला है। वह गांव की ही एक सेरामिक फैक्ट्री में काम करता था। बलात्कार की इस घटना के बाद ठाकोर समाज के लोगों ने कारखाने में काम करने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर निशाना साधा और तोड़फोड़ शुरू कर दी। देखते ही देखते गुजरात के कई जिलों में प्रदर्शन शुरू हो गए। उत्तर भारतीयों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जाने लगा। प्रदर्शनकारियों ने, गुजरात से उत्तर भारतीय हिंदी भाषियों को बाहर निकालने की मांग भी करना शुरू कर दी है।