आने वाले दिनों में झाबुआ और इंदौर में कोई फर्क नहीं रह जाएगा-अमित शाह

झाबुआ/जावरा, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज मध्यप्रदेश के भीलांचल और मालवा में ताबड़तोड़ पार्टी के कार्यकर्त्ता सम्मेलनों को सम्बोधित किया,यहाँ भीलांचल में जनजातीय सम्मलेन में उन्होंने कहा की भाजपा की सरकार ने आने वाले समय में विकास के लिए जो काम किए जा रहे हैं, उनके पूरे होने पर इंदौर और झाबुआ के बीच फर्क ही नहीं रहेगा। उन्होंने कहा देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ही आदिवासियों के विकास के लिए ठोस प्रयास किए। स्थानीय कॉलेज ग्राउंड पर आयोजित इस सम्मेलन को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी संबोधित किया।
शाह ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र में विकास साफ नजर आता हैं। इस बात से ही स्थिति स्पष्ट होती हैं कि 55 सालों तक यहाँ राज करने वाली कांग्रेस सरकारें आदिवासी समाज के लिए मात्र 818 करोड़ रुपए की ही व्यवस्था कर पाई, जबकि शिवराजसिंह चैहान की सरकार ने अपने कार्यकाल में दो गुना, तीन गुना नहीं बल्कि 30 गुना से भी अधिक 25,818 करोड़ रुपये की खर्च किया। यही कारण हैं कि आज गाँव-गाँव में रहने वाले आदिवासी बन्धु मोटर सायकिल और मोबाइल जैसी अन्य सुविधाओं से अपना जीवन सुविधाजनक बना सके हैं।
इधर,जावरा के किसान सम्मलेन में शाह ने कहा किसानों के कल्याण की थोथी बातें करने वाले राहुल गांधी पर इस बात का जवाब नहीं है कि उनके खानदान की पीढ़ी दर पीढी सत्ता रहने के बाद भी किसानों के हित में कौन सी बड़ी योजना बनायी गयी। राहुल गांधी के पास क्या इस बात का भी कोई जवाब है कि उनकी पार्टी की सरकार जिन राज्यों में है उनमें से किस राज्य की कृषि विकास दर मध्यप्रदेश के बराबर अर्थात 18.09 प्रतिशत है। कांग्रेस के नेता इस सच्चाई को छुपा नहीं सकते कि उनके शासनकाल में इसी मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर ऋणात्मक थी।
विकास पर बहस के लिए युवा मोर्चा का कार्यकर्ता ही काफी
उन्होंने कहा कि हम विकास के मुद्दे पर कांग्रेस से किसी भी स्तर पर बहस करने के लिए तैयार है। यदि कांग्रेस चाहे तो हमारे युवा मोर्चा का कार्यकर्ता ही उसके बड़े से बड़े नेताओं को इस मुद्दे पर परास्त करने में सक्षम है। जिस मध्यप्रदेश में आज कांग्रेस सरकार बनाने के सपने देख रही है उस मध्यप्रदेश को यह भलीभांति पता है कि उनके ही मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जिन्हें जनता ने मिस्टर बंटाढार कहते हुए तिरस्कार कर दिया था। उनके कार्यकाल की विनाशलीला को याद करके आज भी मध्यप्रदेशवासियों की रूह कांप जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *