जिला अस्पताल में मरीजों को बांटा गया बदबूदार दूध, कूड़ेदान में मरीजों ने फेंका

अशोकनगर,जिला अस्पताल में मरीजों को सुबह पोष्टिक दूध दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन लापरवाही के चलते अस्पताल में खुला और पानी मिला दूध काफी समय से मरीजों को दिया जा रहा है। ताजा मामला रविवार की सुबह का है, जब जिला अस्पताल के सर्जीकल वार्ड में भर्ती मरीजों को फटा हुआ दूध बांट दिया गया और जैसे ही मरीजों ने दूध पीने के लिए मूह से लगाया तो उससे आती बदबू और खनांद की बजह से मरीजों का जी-उमचाने लगा।
जिससे नाराज मरीजों ने गिलासों में भरे दूध को वार्ड में रखी कचड़े की वाल्टी में फेंक दिया। वहीं कुछ मरीजों ने दूध लेने से ही मना कर दिया। सर्जीकल वार्ड में भर्ती मरीज के साथ आए अटेण्डर राजा भैया पुत्र जालम सिंह यादव ने बताया कि उनकी पत्नि के दांए पैर की उंगली में इंफेक्शन हो गया था। जिसके उपचार के लिए करीब 12 दिन पहले जिला अस्पताल लाए थे। डॉक्टरों ने पैर की उंगली को काट दिया और उपचार के लिए सर्जीकल वार्ड में भर्ती कर दिया गया। वह पिछले 12 दिनों सें जिला अस्पताल में अपनी पत्नि का इलाज करा रहे हैं। राजा भैया ने बताया कि वार्ड में भर्ती मरीजों को न तो मीनू के हिसाब से भोजन दिया जाता है और चाय, नाश्ता एवं दूध भी खराब क्वाल्टी का दिया जाता है। वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके साथ आए अटेण्डरों मोहन सिंह यादव रातीखेड़ा, अमरू अहिरवार पौरूखेड़ी, फूलसिंह यादव राजतला, श्याम बाई, बूंन्देल सिंह दांगी आदि ने बताया कि रविवार को सुबह 8 बजे वार्ड में दूध बांटा गया था। जब दूध को देखा तो वह बिल्कुल पतला और फटा हुआ था। जिसमें से खटांद की बदबू आ रही थी। जिसके कारण कुछ मरीजों ने तो दूध लेने से ही इंकार कर दिया। वहीं कुछ मरीजों ने दूध तो ले लिया लेकिन जैसे ही उसे पीने के लिए मूह से लगाया तो बदबू और खटांद के कारण उनका उल्टी करने जैसा मन होने लगा। जिससे नाराज सभी मरीजों ने दूध को डस्टबिन में फैंक दिया।
नहीं सुनते शिकायत:
मरीजों के पोषक तत्वों के नाम पर हर साल जिला अस्पताल में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते सही माएनों में इनका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। दूध वितरण की इस गड़बड़ी को लेकर मरीजों के परिजनों में आक्रोश है, लेकिन उनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। इसके चलते ज्यादातर मरीज दूध लेने से इनकार कर देते हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार भर्ती मरीज को दूध वितरण दिखाकर पैसे हजम कर रहे हैं। इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों को न तो मौसमी फल मिलता है और न ही अन्य पोष्टिक आहार।
खाद्य विभाग नहीं करता सेंपलिंग:
खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों द्वारा कभी भी जिला अस्पताल में वटने वाले दूध और भोजन के लिए सेंपल नहीं लिए जाते हैं। जबकि छुट पुट दुकानदारों के सेंपल लेकर अपनी खाना पूर्ती कर लेते हैं मगर अस्पताल में वट रहे दूध की सेंपलिंग नहीं की जाती है। जिससे दूध बांटने वाले ठेकेदारों की मनमर्जी बढ़ती जा रही है।
इनका कहना:
अभी तक जिला अस्पताल में बटने वाले दूध के सेंपल नहीं लिए हैं। कमिश्रर का लेटर अभी आया है। अब सभी पर खाद्य विभाग का लायसेंस होना अनिवार्य है और सभी की जांच की जाएगी। यदि ऐसा घटिया दूध बांट जा रहा है तो अब उसका सेंपल लेकर जांच कराई जाएगी।
खाद्य एवं औषधी विभाग फूड इंस्पेक्टर गुप्ता

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *