नईदिल्ली,आज की हाईटेक और व्यस्त जिंदगी में बड़ों के साथ ही बच्चों के लिए भी आंतरिक शांति बहुत जरूरी हो जाती है क्योंकि बच्चे भी अब तनाव और व्यस्त जीवनशैली का शिकार हो रहे हैं। बच्चे अपने अभिभावकों और जिस माहौल में रहते हैं, वहां की ऊर्जा ग्रहण करते हैं। इस कारण वह पढ़ाई ठीक से नहीं कर पाते।
सभी अपने बच्चों के लिए बेहतर करना चाहते हैं। इसलिए हमें उन्हें मेडिटेशन (ध्यान) के लिए प्रेरित करना चाहिये। यह हमें मौजूदा समय में रहने की शिक्षा देता है, ताकि हम प्रयास करने के बेहतर प्रबंध के साथ अच्छे समय का आनंद उठा सकें। यह हमें हमारे सच्चे भाव के साथ जुड़े रहने में मदद करता है। ध्यान हमारी एकाग्रता और स्मरणशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
पढ़ाई, खेल में होते हैं बेहतर
इसलिए स्कूल, परिवार व आंतरिक दबाव की दुनिया में बच्चों को वयस्कों जितना ही मेडिटेशन की जरूरत है। मेडिटेशन बच्चों में ध्यान विकसित करने, उन्हें अपनी भावनाओं पर काबू रखने और यह सिखाने में कि कैसे अपने अंदर और बाहर ध्यान देना है, में मदद करता है। यह उनमें केंद्र का भाव उत्पन्न करता है।
बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार मेडिटेशन जैसे सोल रिवाइवल (आत्मा पुनरुद्धार) उन्हें एकाग्र करने में मदद करते हैं, ताकि वे अपने अध्ययन में अच्छी तरह ध्यान लगा सकें. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मेडिटेशन ने छात्रों के अकादमिक और खेल के क्षेत्र में प्रदर्शन में सुधार लाने में मदद की है।