MP में 50 साल से अधिक की अविवाहित महिलाओं को पेंशन,जबलपुर-ग्वालियर मेट्रो का होगा सर्वे

भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सपन्न हुई कैबिनेट की अहम बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई । कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सरकार के प्रवक्ता और जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी। जानकारी के अनुसार कैबिनेट बैठक में अविवाहिता पेंशन योजना को मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा सरकार ने मंदिर प्रबंधन संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी और पुजारियों के वेतन के लिए सरकार ने कोष बनाया। वहीं मेट्रो रेल परियोजना को देखते हुए सरकार ने नए पदों को मंजूरी दे दी है। बैठक में फैसला लिया गया कि जल्द ही जबलपुर- ग्वालियर मेट्रो के लिए सर्वे कराया जाएगा। बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता डा. नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि बैठक में भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना के लिए नए पद मंजूर किए गए। मुख्यमंत्री अविवाहिता महिला पेंशन योजना शुरू होगी, इसमें 50 साल से ऊपर की अविवाहिता महिलाओं को मिलेगी पेंशन, 50 से 79 की उम्र तक 300 रुपए और इसके बाद 500 रुपए की पेंशन मिलेगी। जबलपुर- ग्वालियर मेट्रो के लिए सर्वे कराया जाएगा। राज्य खाद्य आयोग का गठन, वन्य प्राणी प्रबंधन योजना को जारी रखने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत धनाभाव के कारण कोचिंग में दिक्कत का सामना करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए अहम फैसला लिया। इसके मुताबिक सालाना 100 सामान्य वर्ग के छात्रों को अखिल भारतीय सेवाओं (यूपीएससी) की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग (नवीन योजना) के लिए भेजे जाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। योजना में दो वर्ष के लिए 8 करोड़ 5 लाख की स्वीकृति भी दी गई।
डा. मिश्रा ने बताया कि वन विभाग के अंतर्गत बारहवीं पंचवर्षीय योजना में क्रियांवित संरक्षित क्षेत्रों के बाहर वन्यप्राणी प्रबंधन की योजना को 1 अप्रैल, 2017 के उपरांत भी वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक तीन वर्ष के लिए मंजूरी दी। इसके लिए 265 करोड़ तक व्यय की मंजूरी भी प्रदान की गई। इसी तरह बारहवीं पंचवर्षीय योजना में क्रियांवित राजस्व मद की ईको पर्यटन विकास बोर्ड को अनुदान योजना क्रमांक 5830 को 1 अप्रैल, 2017 के पश्चात आगामी तीन वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के लिए मंजूरी दी गई। इस उद्देश्य से कुल रूपए 96।15 करोड़ की व्यय सीमा मान्य कर अनुमति प्रदान की गई।
डा. मिश्रा ने बताया कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से सेवारत एमबीबीएस चिकित्सा अधिकारियों के लिए कॉलेज ऑफ फिजिशियन एण्ड सर्जन, मुंबई (सीपीएस) के माध्यम से डिप्लोमा कोर्स प्रांरभ करने की अनुमति प्रदान की गई। यह डिप्लोमा पीजी डिप्लोमा के समतुल्य होगा। मध्यप्रदेश के अस्पतालों में स्त्री रोग, शिशु रोग, निश्चेतना, जनरल मेडिसिन आदि में सीपीएस डिप्लोमा की मंजूरी राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इसके साथ ही प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड (डीएनबी) पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रयास होंगे। विशेषज्ञ के पदों पर पदोन्नति के लिए भी डीएनबी को मान्य किया जाएगा।

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