दुबई,ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति भी इराक के सद्दाम हुसैन की तरह ईरान के साथ टकराव की स्थिति में विफल होंगे। तेहरान का कहना है कि वह अपनी मिसाइल खत्म नहीं करेगा। ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति उस समय पैदा हुई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मई में ईरान के साथ हुई न्यूक्लीयर डील खत्म कर दी और पिछले महीने उस पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए। जैसा कि रूहानी ने कहा कि ईरान ने गल्फ देशों में अपनी वार्षिक परेड के दौरान राजधानी तेहरान में अपनी नौसैनिक शक्तियों का प्रदर्शन शुरू किया। रूहानी ने सरकारी चैनल पर अपने भाषण में कहा कि ट्रंप को भी सद्दाम हुसैन की तरह अंजाम भुगतना होगा। ईरान अपने रक्षात्मक हथियार खत्म नहीं करेगा, इसमें वह मिसाइल भी शामिल है, जिसे लेकर अमेरिका गुस्से में है।
वहीं कुछ दिन पहले खबर आई थी कि भारत ईरान पर नए सिरे से लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध कर सकता है। अमेरिकी संसद की शोध और परामर्श इकाई कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की 11 सितंबर की रिपोर्ट में कहा गया कि पारंपरिक तौर पर भारत सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का ही पालन करता है। इसके अलावा भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए भी ईरान पर निर्भर करता है। ट्रंप सरकार ईरान पर प्रतिबंध से संबंधित मुद्दों पर भारत से बातचीत कर रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चार नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद नहीं करने वाले देशों और कंपनियों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की सामान्य स्थिति रही है कि वह सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का पालन करता है। इससे यह आशंका उठती है कि ईरान से तेल नहीं खरीदने संबंधी अमेरिकी प्रतिबंध का भारत विरोध कर सकता है।
ईरान अपने रक्षात्मक हथियार खत्म नहीं करेगा, इसमें वह मिसाइल भी शामिल है
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