व्यापमं मामले में शिवराज को कहीं से नहीं मिली क्लीन चिट,SC ने कहा इसीलिए निचली अदालत में लगाया केस

भेपाल, हमेशा चर्चा में रहने वाले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह फिर से व्यापमं मामले को लेकर आक्रामक रुख अपनाये हुए हैं, उन्होंने आज फिर सवाल उठाया है कि शिवराज को व्यापम में क्लीन चिट किसने दी, इस बारे मे अदालत का एक भी फैसला दिखा दें। उनका कहना है कि हमने परिवाद इसलिए दाखिल किया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में जाने का कहा था। उन्होंने सीबीआई पर भी गंभीप आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई कोर्ट में झूठा हलफनामा दिया था। इसलिए हम उनके खिलाफ कोर्ट गए। उन्होंने कहा कि टेंपरिंग कर एक्सलशीट में मुख्यमंत्री का नाम हटा कर उमा भारती का नाम जोड़ दिया गया। इस पूरे घोटाले में सरकारी मशीनरी अपराधियों का बचाने का काम कर रही है। एसटीएफ, एसआईटी, सीबीआई जैसी एजेंसी अपराधियों को पकड़ने का बजाए उनको बचाने में लगी हैं। उनका आरोप है कि विपिन महेश्वरी और दिलीप सोनी समेत पुलिस वालों ने टेंपरिंग को अंजाम दिया , और दिल्ली और मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आएगी तब सच्चाई सामने आएगी। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने भोपाल की विशेष अदालत में 27 डिजिटल पन्नों का परिवाद दाखिल किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापमं के सिस्टम एनालिस्ट नितिम मोहिंद्रा के कंप्यूटर से जब्त की गई हार्ड डिस्क से तैयार की गई एक्सल सीट में छेड़छाड़ की गई है। हालांकि उस समय उन्होंने आरोप लगाए कि जहां जहां शिवराज से जुड़े नाम थे वहां वहां उमा भारती का नाम डाल दिया गया।

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