ब्राह्मण समाज का महाकुंभ, एट्रोसिटी एक्ट पर SC का फैसला लागू रखो,दलों में खत्म होते ब्राह्मण नेतृत्व पर चिंता

उज्जैन,चुनाव से ठीक पहले बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया गया। इसमें पूरे देश से 51 हज़ार से अधिक लोग शामिल हुए । महाकुंभ में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किये गए। इनमें एट्रोसिटी एक्ट प्रमुख मुद्दा रहा। इस पर SC के ही फैसले को लागू रखे जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है,समाज के साझा चूल्हे की परंपरा को कायम रखते हुए सपरिवार भोजन किया.महाकुम्भ में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने ब्राहण समाज के बच्चों प्रतियोगी परीक्षाओं में जाने के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा,एमपी में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन करने और गरीब ब्राह्मणों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के प्रस्ताव पारित किये गए हैं.
गौरतलब है यह माना जाता है की यहाँ बाबा की नगरी से शुरू होने वाले अभियान सफल रहते हैं इसीलिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने महाकाल को चिट्ठी सौंपकर अपने चुनाव अभियान की शुरुआत यहां से ही की थी। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज का ब्राह्मण महाकुंभ उज्जैन के दशहरा मैदान में हुआ । इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग उज्जैन आये हैं।
प्रदेश की राजनीति में उज्जैन लगातार राजनीतिक गहमागहमी का केंद्र बना हुआ है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तीसरी बार भी अपनी जन आशीर्वाद यात्रा महाकाल के दर पर माथा टेकने के साथ ही शुरू की थी। इससे पहले पिछले चुनाव में भी वो उज्जैन से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर चुके थे और सत्ता पर काबिज हुए। कांग्रेस ने भी उज्जैन को ही तरजीह दी। कांग्रेस ने भी अपनी कई यात्राएं उज्जैन से ही शुरू की हैं। इस बार भी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ की ओर से महाकाल को चिट्ठी सौंपी गयी थी।इसमें शिवराज के शासन से जनता को मुक्ति दिलाने की अपील की गयी थी। उसके बाद कांग्रेस की संकल्प यात्रा भी उज्जैन के तराना से शुरू हुई थी। इस यात्रा को लेकर पार्टी नेता जीतू पटवारी रवाना हुए थे। उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर है और ऐसी आस्था है कि बाबा महाकाल से जो कुछ भी मांगा जाए वो हर मुराद पूरी करते हैं। उज्जैन हमेशा राजनेताओं की आस्था और शक्ति प्रदर्शन का केंद्र रहा है। इसी आस्था को लेकर सपाक्स, सवर्ण समाज, करणी सेना और अब ब्राह्मण महाकुंभ उज्जैन में हो रहा है।

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