अशोकनगर, ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने चंदेरी में बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को चंदेरी जनपद के सब इंजीनियर अरविंद रघुवंशी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। सब इंजीनियर के खिलाफ नानोन ग्राम पंचायत के उप सरपंच भूपेन्द्र सिंह बुंदेला ने शिकायत की थी।
बताया गया है कि सब इंजीनियर ने विकास कार्यों के बिल स्वीकृत करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। ग्वालियर लोकायुक्त डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर ने बताया कि ग्राम नानोन के उप सरपंच भूपेन्द्र सिंह बुंदेला ने शिकायत की थी कि चंदेरी जनपद के सब इंजीनियर अरविंद सिंह रघुवंशी ने ग्राम पंचायत नानोन जनपद पंचायत चंदेरी अंतर्गत सीसी खरंजा के निर्माण पश्चात एम बी सत्यापन और मूल्यांकन के एवज में सब इंजीनियर रघुवंशी द्वारा 20 लाख रुपए के काम पर सत्यापन के एवज में 20 प्रतिशत राशि की मांग की थी। बाद में छह प्रतिशत कमीशन में सौदा तय हुआए जिसके मुताबिक सब इंजीनियर को 72 हजार रुपये देने थे। उप सरपंच ने 50 हजार रुपये शुक्रवार को देने की बात कही और बाकी पैसे बाद में, जिस पर सब इंजीनियर तैयार हो गया। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से उप सरपंच को पैसे लेकर सब इंजीनियर के पास भेजा और जैसे ही शुक्रवार को दोपहर 12 बजे उसने पैसे दिए, लोकायुक्त की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए सब इंजीयिनर अरविंद सिंह रघुवंशी को 50 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त की टीम ने सब इंजीनियर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता उप सरपंच भूपेंद्र सिंह बुंदेला ने बताया कि अन्य रोजगार गारंटी के ऐसे कार्य जो निर्माण, एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा करवा दिए गए हैं, उन कार्यों को भी सब इंजीनियर रघुवंशी द्वारा रिश्वत नहीं दिए जाने पर अमल में नहीं लाया गया है और बताया गया कि पंचायत एवं मजदूरों के मस्टर सब इंजीनियर के समक्ष प्रस्तुत करने पर उन मस्टरों को जीरो कर दिया जाता था, जो कि आज भी जीरो किए गए मास्टर सबूत के तौर पर उपलब्ध हैं। आर ई एस के सब इंजीनियर रघुवंशी चंदेरी जनपद अंतर्गत 9 पंचायतों का कार्य देते थे और उन पंचायतों में भी इसी प्रकार से परेशानी का सामना सरपंचों को करना पड़ रहा था। इस कारण तंग आकर लोकायुक्त ग्वालियर को यह शिकायत की गई थी।
साजिस के तहत फसाया:
इंजी. अरविन्द रघुवंशी द्वारा बताया गया कि मुझे साजिश के तहत उपसरपंच और सचिव द्वारा फसाया गया है। इंजीनिर के बताए गए अनुसार उसे पैसे की जरूरत थी जिसके लिए उपसरपंच से उधार पैसे मांगे गए थे। वहीं पैसे देने उपसरपंच आया था और मुझे रिश्वत के झूठे आरोप में फसा दिया गया।