लंदन/नईदिल्ली,भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि देश छोड़ने से पहले वह अरुण जेटली से मिलकर आए थे। माल्या ने कहा, ‘मैं मामला निपटाने को लेकर जेटली से मिला था। मैं बैंक का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए। माल्या ने कहा कि मुझे बलि का बकरा बनाया गया’। उधर अरुण जेटली ने विजय माल्या से मुलाकात की बात से साफ़ इंकार किया है।
बैंकों का करीब 9 हज़ार करोड़ लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर आज लंदन की अदालत में सुनवाई हुई। बता दें कि जिस समय माल्या देश छोड़कर गए, उस समय अरुण जेटली वित्त मंत्री थे। उधर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि माल्या ने सांसद की हैसियत का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि माल्या से मेरी मुलाकात सिर्फ 40 सेकंड के लिए हुई थी।
उधर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने माल्या के दावे पर कहा कि सरकार को बताना होगा कि विजय माल्या को भारत से जाने कैसे दिया गया। मोदी सरकार को वित्त मंत्री जेटली से माल्या की मुलाकातों का ब्योरा देना पड़ेगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास’ भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है। मोदी जी, छोटा मोदी #1,छोटा मोदी #2,’हमारे मेहुल भाई’, अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों लुटवाकर, विदेश भगा दिया। विजय माल्या, तो अरुण जेटली से मिल, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है!