नई दिल्ली,कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज भाजपा सरकार पर भारतीय नागरिकों के बजाय दूसरे देशों को पेट्रोल और डीजल सस्ते दामों पर बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि रिकॉर्ड ऊंची कीमतों से पीड़ित लोग इस ‘‘धोखे’’ के लिए चुनावों में उपयुक्त जवाब देंगे। सुरजेवाला ने दावा किया कि ऐसे उत्पादों की तेजी से बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी पिस रहा है और इस सरकार ने ‘‘दैत्यकारी कर’’ लागू कर देश के ११ लाख करोड़ रुपये ‘‘लूटे’’। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार विदेशों को सस्ती कीमतों पर पेट्रोल और डीजल बेच रही है जबकि भारतीय सर्वकालिक ऊंची कीमतों के कारण पिस रहे हैं। उन्होंने आरोप है लगाया कि सरकार द्वारा लागू किए गए दैत्यकारी करों के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छूने लगी। ईंधन पर कठोर करों से मोदी सरकार को ११ लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। कांग्रेस नेता का दावा है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं तथा आम आदमी, मध्यम वर्गी, किसान, ट्रांसपोर्टर तथा छोटे एवं मध्यम उद्योग इसका दंश झेल रहे हैं। भारत में पेट्रोल और डीजल क्रमश: ७८-८६ और ७०-७५ के वर्ग में उपलब्ध है लेकिन एक आरटीआई से खुलासा हुआ कि मोदी सरकार १५ देशों को पेट्रोल महज ३४ रु प्रति लीटर और २९ देशों को डीजल मात्र ३७ रु में बेच रही है। इन देशों में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, मलेशिया और इजराइल शामिल हैं। इस तरह से सरकार ने भारत के लोगों के साथ विश्वासघात किया तथा उनकी पीठ में छूरा घोंपा है। उन्होंने दावा किया कि जुलाई २०१७ में कांग्रेस ने मांग की थी कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए लेकिन सरकार और भाजपा ने इसे नहीं माना। उन्होंने कहा कि अब भारत के लोग आगामी चुनावों में भाजपा को उपयुक्त जवाब देंगे। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मई २०१४ में पेट्रोल का उत्पाद शुल्क महज ९.२ रु प्रति लीटर था जबकि अब यह १९.४८ रुपये प्रति लीटर है। मई २०१४ में डीजल का उत्पाद शुल्क ३.४६ रु प्रति लीटर था लेकिन अब यह १५.३३ रु प्रति लीटर है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद से केंद्रीय उत्पाद शुल्क १२ गुना बढ़ गया है। सुरजेवाला ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों ने सभी भारतीयों का बजट बिगाड़ दिया है और लोग ‘ईंधन लूट’ के लिए सरकार को ‘कभी माफ नहीं करेंगे और भूलेंगे नहीं’ तथा वे आगामी चुनावों में भाजपा को उपयुक्त जवाब देंगे। उन्होंने कहा में दिल्ली में ७०.२६ रु प्रति लीटर की डीजल की आसमान छू रही कीमतें किसानों पर बुरा असर डाल रही है जिससे खाद्य पदार्थ की कीमतें बढ़ गई हैं। इसके अलावा दिल्ली में पेट्रोल ७८.५७ रु प्रति लीटर पहुंचने से आम आदमी के परिवहन के साधनों पर गंभीर असर पड़ा है।