सागर, मध्य प्रदेश की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर का डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय है। पिछले 6 साल से यहां एक सुपर कंप्यूटर खरीदा गया था, जिसे एक कमरे में बंद करके रखा गया है। 2013 के प्रारंभ में अमेरिका से आया यह सुपर कंप्यूटर विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में एक कक्ष में बंद है। इस सुपर कंप्यूटर को 4 करोड़ 65 लाख रुपए की कीमत अदा करके खरीदा गया था। सुपर कंप्यूटर को कभी चलाया नहीं गया, इसको कैसे चलाया जाता है और कैसे छात्रों के लिए उपयोग में लाया जाना है, इसकी जानकारी भी विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं है।
जब इस सुपर कंप्यूटर को खरीदा गया था, तो खरीदी में भारी गोलमाल की शिकायतें की गई थी। जिसकी जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने की थी। 1 साल तक चली जांच प्रक्रिया के बाद फिर क्या हुआ, यह किसी को भी नहीं मालूम। इस कंप्यूटर का उपयोग किस प्रोजेक्ट और रिसर्च वर्क में किया जाना है, इसकी जानकारी भी विश्वविद्यालय प्रशासन को नहीं है। जब यह मामला तूल पकड़ने लगा, उसके बाद डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति आरपी तिवारी ने कहा यह कंप्यूटर मेरे कार्यकाल से पहले खरीदा गया था। इसके बारे में क्या योजना थी, इसकी जानकारी मैं प्राप्त कर रहा हूं। इसके बाद यूनिवर्सिटी के आधुनिकीकरण और क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए इसका उपयोग करने पर विचार किया जाएगा।