मुंबई,थाणे की इमारत में रहने वालों को भी अरुण परेरा के नक्सली होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस वालों के वहां पहुंचने पर उन्हें इस बात का पता चला। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सली समर्थकों की गिरफ्तारी के सिलसिले में पुणे पुलिस की एक टीम ने ठाणे निवासी एडवोकेट अरुण परेरा को भी हिरासत में लिया है। परेरा कुछ समय से ठाणे के चरई स्थित शारॉन कोऑपरेटिव सोसायटी में रहता था। मंगलवार की सुबह पुणे पुलिस की टीम ने ठाणे पुलिस के सहायक आयुक्त रमेश धुमाल के साथ मिलकर परेरा के घर पर छापा मारा। कई घंटे तक पुलिस वालों ने परेरा के घर की तलाशी ली और उससे पूछताछ की। दोपहर करीब 3.30 बजे पुलिस वाले परेरा को लेकर बाहर निकले और पुणे पुलिस उसको अपने साथ लेकर पुणे रवाना हो गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस घर पर पुलिस ने छापा मारा वह घर परेरा का है। लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार वह घर उसके किसी रिश्तेदार है और परेरा वहां अपने परिवार के साथ रहता था। इमारत में पुलिस वालों के पहुंचने पर इमारत में रहने वालों को झटका लगा। इमारत में रहने वालों को अरुण परेरा के नक्सली होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
परेरा को इसके पहले कई बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसको छोड़ दिया गया था। इस बारे में पुणे पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (लॉ एंड ऑर्डर) शिवाजी बोडखे ने बताया है कि पुलिस के पास परेरा के खिलाफ एल्गार परिषद से जुड़े होने के सीधे सबूत है और उन्हीं सबूतों के आधार पर उसकी धरपकड़ की गई है। बताया गया है कि पुलिस को कई आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य सामान परेरा के घर से मिले हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस की टीम सोमवार की देर रात से परेरा के घर पर नजर रखे हुए थी।
पांच महीने में दूसरी बार मंगलवार को पुणे पुलिस ने देशभर के कथित नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में छापे के बाद अब तक कवि वरवरा राव, अरुण परेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों पर सेक्शन 153 ए, 505(1) बी, 117, 120बी, 13, 16, 18, 20, 38, 39, 40 और यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि भीमा-कोरेगांव में जनवरी महीने में हुई हिंसा में पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद चौंकानेवाला खुलासा हुआ था। पुणे पुलिस को एक आरोपी के घर से ऐसा पत्र मिला था, जिसमें राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का ही जिक्र किया गया था। इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात भी कही गई थी। मंगलवार को देशभर के कई शहरों मुंबई, रांची, हैदराबाद, फरीदाबाद, दिल्ली और ठाणे में छापेमारी की गई।