योगी सरकार ने पेश किया 34 हजार 833 करोड़ का अनुपूरक बजट

लखनऊ, बीते फरवरी माह में उप्र का अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक बजट पेश करने के बाद सोमवार को सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 34 हजार 833 करोड़ रुपए की अनुदान मांगें विधानसभा में प्रस्तुत कीं। इन अनुदान मांगों में राज्य सरकार ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव, इलाहाबाद में होने वाले कुम्भ मेले आदि के लिए धनराषि का प्रावधान किया है। साथ ही सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में कई कार्यक्रमों को शुरु करने के लिए भी धनराषि की मांग की गयी है। इसके अलावा अनुपूरक बजट में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे और डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़ रुपए की भी व्यवस्था की गयी है। पूर्ववर्ती सरकार ने कब्रिस्तानों की चहारदीवारी के लिए बजट में धन आवंटित किया था जबकि योगी सरकार ने अनुपूरक बजट में प्रदेष के सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चाहरदीवारी बनाये जाने के लिए एक हजार रुपए की प्रतीक व्यवस्था की है।
प्रदेष के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के भारी हंगामे के बीच अनुपूरक बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया। 34 हजार 833 करोड़ 24 लाख 40 हजार रुपए के आकार वाले इस अनुपूरक बजट में किसानों कर्ज माफी के लिए अंतिम किष्त के रुप में 43 करोड़ 20 लाख, प्रदेश के 68 जनपदों में गोसंरक्षण केंद्र के लिए 34 करोड़, लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए 100 करोड़, कुम्भ मेला के लिए 800 करोड़, जेवर में एयरपोर्ट के लिए 800 करोड़, अगले वर्ष की शुरुआत में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के आयोजन के लिए 100 करोड़, मुख्यमंत्री आरओ पेयजल योजना के लिए 39 करोड़, विधायक निधि के लिए 252 करोड़, विधायक निधि से कराए गए कार्यों पर जीएसटी की प्रतिपूर्ति के लिए 201 करोड़, सांसदों विधायको के लंबित वादों हेतु स्पेशल कोर्ट के लिए 22 लाख तथा सूबे में बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए 301 करोड़ रुपए की मांग की गयी है।
इसके अलावा योगी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में कानपुर के डीएवी कॉलेज को ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ के तौर पर विकसित करने के लिए पांच करोड़, स्मृति में सांस्कृतिक समारोह के आयोजन हेतु आयोजन के लिए एक करोड़ और स्मृति संकुल निर्माण के लिए चार करोड़ तथा उनके पैतृक गांव बटेश्वर, आगरा अन्य स्थलों के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए की मांग इस अनुपूरक बजट के जरिए की गयी है। इसी प्रकार संत कबीर अकेडमी के लिए पांच करोड़, पण्डित सूर्य कांत त्रिपाठी निराला जन्मस्थली गढकोला, उन्नाव में उनकी स्मृति में भवन, पुस्तकालय आदि के लिए पांच करोड़ रुपए की मांग की गयी है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण के लिए 5500 करोड़, उदय योजना के तहत अनुदान की धनराशि को अंशपूंजी में परिवर्तित किए जाने के लिए 4891.72 करोड़, विद्युत कर की प्राप्ति के सापेक्ष अनुदान 600 करोड़, पावर कारपोरेशन को राजस्व क्षतिपूर्ति अनुदान के लिए 1500 करोड़, अंडर ग्राऊंड केबिलिंग कार्यों के लिए 150 करोड़, चीनी मिलों को ऋण के लिए 4000 करोड़, सहकारी चीनी मिल्स संघ को बकाया गन्ना भुगतान के लिए 885 करोड़ तथा सहकारी, निगम तथा निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को पेराई सत्र 2017-18 के बकाया भुगतान के लिए 500 करोड़ की मांग की गयी है। इसके अलावा गांवों में पुल और रेलवे के उपरगामी पुल आदि निर्माण, सिंचाई, बिजली, पुलिस बल के लिए वाहन आदि क्रय करने के लिए भी अनुपूरक बजट में धनराषि की मांग की गयी है।

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