लखनऊ, उप्र के देवरिया में बालिका संरक्षण गृह में कथित रुप से देह व्यापार का रैकेट चलाये जाने के प्रकरण की समूचे विपक्ष ने न्यायिक जांच कराये जाने की मांग की। विपक्ष दलों का आरोप है कि बालिका गृह के संचालकों को सत्ता पक्ष का संरक्षण था। विपक्ष ने सरकार से इस्तीफे की भी मांग की।
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने देवरिया प्रकरण को सोमवार को पूरे जोरशोर से उठाया और इस पर सारी कार्यवाही रोककर चर्चा की मांग की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में नेता विरोधी दल समाजवादी पार्टी के रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि देवरिया के शेल्टर होम में लड़कियों का योन शोषण, प्रतापगढ़, बनारस में यौन शोषण इन मामलों को लेकर नियम 311 में चर्चा कराने का मांग की गई। उन्होंने कहा कि देवरिया में अन्तराष्ट्रीय गिरोह है। इसमें बड़े बड़े आईएएस और आईपीएस संलिप्त है। संरक्षण गृह से लड़कियों को निकालकर देह व्यापार कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नही है। लेकिन सीएम कहते है विपक्ष हंगामा कर रहा है, जब हम चर्चा की मांग कर रहे थे तो सरकार क्यों चर्चा नहीं करा रही है। उन्होंने मांग की कि इसकी जांच हाईकोर्ट के जज से कराई जाय। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और इनमें (मुख्यमंत्री) होड़ चल रही है कौन सबसे ज्यादा असत्य बोल रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी खराब कानून व्यवस्था एक नम्बर पर है।
वहीं बहुजन समाज पार्टी विधानमण्डल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि आज विधानसभा की कार्यवाही का प्रथम दिन था। पिछले सत्र से अबतक बहुत घटनाएं हुई, देवरिया में सेक्स रैकेट पकड़ा गया, बच्चों के साथ गलत काम होता था। हम इसी प्रकरण को विधानसभा में उठाने के लिए आये थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी घटना है। लेकिन सत्ता पक्ष ने ऐसा प्रयास किया कि ये 311 में न उठ पाए इसलिए रोकने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इस घटना की सीबीआई नही न्यायिक जांच होनी चाहिए। इस लग रहा इसको संरक्षण प्राप्त था। उधर, कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने भी इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की।