भोपाल,करीब दो महीने पहले प्याज बेचने वाले किसानों को राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया हैं। किसानों द्वारा आत्महत्या करने की धमकी और एडीएम दिशा नागवंशी की फटकार का बाद प्याज खरीदने वाली कंपनी पर दबाव बना था लेकिर मामला एक बार फिर उलझ गया है। किसानों से प्याज खरीदने वाली आजाद एंड कंपनी पर दबाव बनाकर पैसे देने के लिए राजी कर लिया था, लेकिन मामला प्याज की राशि को लेकर फिर उलझ गया है। लगभग 34 किसानों ने जो प्याज बेची है, उसकी राशि 20 लाख रूपए से ज्यादा आ रही है, लेकिन आजाद एण्ड कंपनी के मैनेजर प्याज की राशि 17 लाख रुपए ही बता रहे हैं। इसके चलते प्याज वितरण की राशि का मामला उलझकर रह गया और मजबूरी में मंडी सचिव को किसानों को पैसा दिलाने की तारीख को दो दिन आगे बढ़ाना पड़ गया। मंडी सचिव ने सोमवार को किसानों व आजाद एंड कंपनी के मैनेजर को अपने अपने दस्तावेजी रिकार्ड के साथ मंडी कार्यालय में बुलाया है, ताकि समस्या का निराकरण हो सके।
बता दें कि तहसील हुजूर के कुछ गांवों के किसानों ने बीते दिनों हुई कलेक्टर जनसुनवाई में जमकर हंगामा किया था। उन्होनें बताया था कि दो माह पहले करोंद गल्ला मंडी में 200 किसानों ने अपनी प्याज आजाद एंड कंपनी के संचालक को बेची थी। जिसका भुगतान करीब 50 लाख रुपए बन रहा है।
नियमों के मुताबिक प्याज खरीदी का भुगतान 48 घंटे के भीतर किसानों को करना है, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी किसानों को पैसा नहीं मिला है। एडीएम दिशा नागवंशी ने सभी किसानों को करोंद मंडी के सचिव विनय पटेरिया के पास भेजकर मामले के निराकरण करने को कहा था। मंडी सचिव ने 14 अगस्त तारीख दी थी, लेकिन उसके बाद मामला और बिगड़ गया था। प्याज का पैसा पाने आंदोलन कर रहे किसान विजय गौर का कहना था कि 200 किसानों का 50 लाख रुपए आजाद एण्ड कंपनी ने रोक रखा है। जांच पड़ताल में सामने आया कि कंपनी को 200 के बजाय 34 किसानों का 20 लाख रुपए ही देना है। किसान जिला प्रशासन व मंडी सचिव को गुमराह कर रहे थे। कंपनी ने कुछ किसानों को प्याज बेचने के दौरान कुछ पैसा दे भी दिया था। इस बारे में करोंद मंडी सचिव विनय पटेरिया का कहना है कि किसानों को सोमवार तक पैसा दिया जाएगा, इसके लिए कंपनी मैनेजर से चर्चा चल रही है। जल्द ही मामला सुलझ जाएगा।