उज्जैन,शिवलिंग पर अभिषेक के दौरान क्षरण को लेकर महाकाल मंदिर समिति ने नई पहल शुरू की है। श्री महाकालेश्वर मंदिर ने शिवलिंग बचाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए आरओ वाटर शिव भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने की बात रखी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति दी थी। इसी वजह से सावन महोत्सव में बड़ी तादात में कावड़िया का विभिन्न नदियों से लाया जल और श्रृद्धालुओं द्वारा लाया गया दूध फिल्टर करके बाबा पर चढ़ाया जाएगा। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में सावन माह के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पंहुचते हैं जिसमें बड़ी संख्या में कावड़िए अलग-अलग नदियों का जल लेकर पहुंचते हैं। वहीं भस्म आरती के दौरान श्रद्धालु दूध लेकर पंहुचते है। श्रावण महोत्सव को देखते हुए सभा मंडप में जलपात्र और एक आरो वाटर का फ़िल्टर प्लांट लगाया गया है जिसमें जल पात्र में जल और दूध डालने के बाद जल और दूध वाटर प्लांट से होता हुआ सीधे महाकाल शिवलिंग पर चढ़ेगा।
दरअसल सिकंदराबाद की तन्वी एक्वा चेक एंड पैकेजिंग कंपनी की तरफ से सभा मंडप में जल द्वार के पास चांदी का पात्र लगाया गया है जिसमें कावड़िए देश के विभिन्न नदियों से लाया हुआ जल डालेंगे जो कि सभामंडप और नंदी हाल में लगी हुई स्क्रीन पर दिखाई देगा। सुप्रीम कोर्ट में मंदिर समिति ने अपनी और से क्षरण रोकने के लिए कोर्ट में सुझाव दिया था कि आरो वाटर ही अब शिवलिंग पर चढ़ेगा