नई दिल्ली,भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान, ओलंपियन मोहम्मद शाहिद की विधवा परवीन ने सरकार की अनदेखी से खफा होकर ऐलान किया है कि वे 20 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री को पद्मश्री समेत पति को मिले सभी अवॉर्ड लौटाएंगी।
परवीन ने बताया कि दो साल पहले जब पति की मौत हुई तो केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री और हॉकी इंडिया की कई बड़ी हस्तियां आईं। उस दौरान केंद्रीय मंत्री ने मेरे पति के नाम पर स्टेडियम का नाम और बेटे को नौकरी देने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि अब तक उपरोक्त दोनों में से कोई भी वादा पूरा नहीं हो सका है। शाहिद के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए दो बार पत्राचार भी किया, कई बार जनप्रतिनिधियों के दरवाजे खटखटकाए। बावजूद इसके उनकी सुनवाई नहीं हुई। परिजनों के मुताबिक पीएमओ और प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय के पत्र लिखने पर हर बार बस आश्वासन मिला कि हमारा नाम पीएम से मिलने वालों की सूची में है। लेकिन बावजूद इसके मुलाकात कभी नहीं हो सकी।
परवीन ने कहा कि शाहिद के गुजरने के बाद बनारस में उनके नाम से अकादमी, स्टेडियम और ऑल इंडिया टूर्नामेंट का आयोजन करने एवं उनके परिवार को आर्थिक मजबूत बनाने के लिए उसे गैस एजेंसी या पेट्रोल पंप दिए जाने का भी आश्वासन दिया गया था। मोहम्म्द शाहिद 1980 में मॉस्को में हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।
1982 में एशियन गेम्स में रजत पदक और 1986 के एशियाड खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे। उन्हें 1980-81 में अर्जुन पुरस्कार और 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।