भोपाल,प्रदेश सरकार ने पहली बार दो मेडिकल कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी है। इंदौर के मार्डन मेडिकल कॉलेज और भोपाल के एडवांस मेडिकल कॉलेज की मान्यता डिजारबिलिटी एंव फिजिबिलिटी सर्टिफिकेट रद्द कर दिया गया है। पहली बार राज्य सरकार ने निजी मेडिकल कॉलेजों पर बड़ी कार्रवाई की है। राज्य शासन व एमसीआई के मापदंड के अनुसार कॉलेजों का संचालन नहीं होने छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। इसके चलते शासन ने यह निर्णय लिया है। मान्यता रद्द होने से दोनों कॉलेजों के 295 एमबीबीएस छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि इन छात्रों को मौजूदा कॉलेजों में सीटें जरूरत के अनुसार सीटें बढ़ाकर शिफ्ट करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। मौजूदा स्थिति में छह निजी कॉलेज प्रदेश में संचालित हो रहे हैं।
दो कॉलेजों की मान्यता रद्द होने के बाद प्रभावित छात्रों को इन कॉलेजों में शिफ्ट किया जा सकता है। इसके लिए मेडिकल काउसिल ऑफ इंडिया और भारत सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित ओवरसाइट कमेटी ने 2016-17 में एडवांस और मार्डन मेडिकल कॉलेज समेत प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों को सशर्त मान्यता दी थी। इसके बाद के सत्र में इन कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली। दोनों कॉलेजों में एमसीआई के मापदंड के अनुसार संसाधन नहीं है। कर्ज नहीं चुकाने पर एडवांस मेडिकल कॉलेज का अस्पताल में बैंक ने ताला लगा दिया है। दोनों कॉलेज के छात्रों ने शासन से कॉलेज की मान्यता रद्द करने व खुद को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने छात्रों की मांगों को मानते हुए इन कॉलेजों की मान्यता रदद कर दी है और छात्रों को अन्य कॉलेजों में शिफ्ट किया जा रहा है।
प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों की मान्यता निरस्त
