मंगल ग्रह के रहस्यों से उठेगा पर्दा, 3 अरब साल पुराने कार्बनिक अणु मिले

वाशिंगटन, मंगल ग्रह के रहस्यों पर से पर्दा उठाने के मिशन पर लगी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा क्यूरियोसिटी रोवर की ताजा खोज से उत्साहित है। नासा ने रोवर की नई खोज के बारे में जानकारी दी है। नासा ने कहा कि उसके क्यूरियोसिटी रोवर को लाल ग्रह पर करीब 3 अरब साल पुराने कार्बनिक अणु मिले हैं। इससे माना जा रहा है कि कई सालों पहले यहां जिंदगी रही होगी। नासा ने 2012 में मंगल ग्रह पर रोबोट एक्सप्लोरर क्यूरियोसिटी रोवर भेजा था, जो तभी से वहां खोज में लगा हुआ है। 3 अरब साल से अधिक पुराने पत्थरों को सिर्फ 2 इंच तक खोदने से दो अलग-अलग तरह के जैविक अणु मिले। दरअसल पहले जब यह ग्रह आज की तुलना में गर्म और गीला था, तब वहां गैले क्रेटर एक झील जैसे रूप में दिखता था जो अब एक चट्टान बन गया है और उसी चट्टान के पत्थर को खोदने से ये जैविक प्रमाण मिले हैं। नासा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लाल ग्रह पर जीवन की मौजूदगी के अब तक के सबसे बेहतरीन प्रमाण मिले हैं हालांकि नासा के सौर मंडल अन्वेषण प्रभाग के निदेशक पॉल महाफी का कहना है कि अभी ये पुष्टि नहीं की जा सकती कि इन मॉलीक्यूल्स का जन्म कैसे हुआ। हालांकि इन सबूतों के आधार पर यह जरूर कहा जा सकता है कि अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर गैले क्रेटर के अंदर पानी की एक उथली झील थी जिसमें जीवन के लिए जरूरी सभी तत्व शामिल थे।
क्यूरियोसिटी रोवर से पिछले कुछ सालों में मिले आंकड़ों का नासा के वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया। विशेषज्ञों ने दो अध्ययनों के आधार पर यह जानकारी दी है। इनका कहना है कि कार्बनिक अणुओं के मिलने से मंगल पर कभी जीवन होने के संकेत मिलते तो हैं, मगर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा रहा कि ये किसी उल्कापिंड की टक्कर या किसी अन्य जरिए से आए हों। मैरीलैंड में नासा के गोडार्ड स्पेस सेंटर के साथ जेनिफर ईगेनब्रोड ने कहा कि मंगल ग्रह पर पाए गए कार्बनिक अणु जीवन होने के तथ्य को पूरी तरह से प्रमाणित नहीं करते क्योंकि वे गैर-जैविक चीजों से आ सकते हैं। हालांकि ये जीवन की खोज के लिए महत्वपूर्ण प्रमाण जरूर है। नासा ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इस तरह के कण मंगल ग्रह पर काल्पनिक माइक्रोबियल जीवन के लिए खाद्य स्रोत हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *