अहमदाबाद, गुजरात हाईकोर्ट ने पोस्को एक्ट से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किशोरावस्था में शारीरिक संबंध बनाने पर कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है. हाईकोर्ट ने कहा कि कम आयु में सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध के लिए कानून से माफी नहीं मिलेगी. कानून में कम से कम 10 साल सजा का प्रावधान होने से अदालत भी इसमें कोई छूट नहीं दे सकती. ऐसे में एक गलती किशोर या युवक का कैरियर और जीवन का एक महत्वपूर्ण दशक तबाह कर सकती है.
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि छोटी आयु में प्रेम संबंधों में होनेवाले ऐसे स्टेट्यूटरी अपराध के लिए 10 वर्ष की कड़ी कैद आज की पीढ़ी को भुगतना नहीं पड़े, इसके लिए जागृति फैलाने का उत्तरदायित्व केन्द्र और राज्य सरकार का है. सार्वजनिक हित में केन्द्र और राज्य सरकारें पोक्सो एक्ट के संदर्भ में और इस अपराध की गंभीरता के बारे में अखबार, पेम्फ्लेट, साइन बोर्ड, रेडियो और टीवी पर प्रचार-प्रसार करें, ताकि बच्चे, अभिभावक और आम लोग इस कानून और उसके कड़े प्रावधानों का ज्ञान हो. हाईकोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में भी जागरूकता अभियान चलाने का आदेश दिया है. गुजरात में इस जागृति अभियान के लिए राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिचव, माध्यमिक शिक्षा सचिव समेत सभी जिम्मेदार लोगों का आदेश दिया है.
किशोरावस्था में शारीरिक संबंध बनाने पर होगी 10 साल की कैद
