उज्जैन,श्रावण मास (सावन) में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल के जलाभिषेक के लिए दो माह पहले ही बुकिंग शुरू हो गई है। मंदिर प्रशासन द्वार श्रावण मास में भगवान के जलाभिषेक के लिए कावड़ यात्रियों को अनुमति दी जाती है। कांवरिए गंगा तथा नर्मदा के खेड़ी घाट से कावड़ (कलश) में जल भरकर पदयात्रा करते हुए महाकाल मंदिर आते हैं तथा पवित्र नदियों के जल से भगवान का अभिषेक करते हैं।शनिवार, रविवार तथा सोमवार को छोड़कर सप्ताह के शेष चार दिनों में कावड़ यात्री भगवान का जलाभिषेक कर सकते हैं। कावड़ यात्रियों के प्रवेश के लिए अलग द्वार निर्धारित रहता है। कावड़ यात्रा संघ के प्रमुख चार से पांच पदाधिकारी गर्भगृह में जाकर भगवान का जलाभिषेक करते हैं। शेष यात्री जलद्वार के समीप पात्र में जल अर्पित कर नंदी हॉल के पीछे बेरिकेडिंग से राजाधिराज के दर्शन करते हैं। इसके लिए कावड़ यात्रियों को मंदिर कार्यालय में आवेदन देकर पहले से अनुमति लेना होती है। इसी के परिपालन में कावड़ यात्री संघ ने मंदिर कार्यालय में आवेदन देना शुरू कर दिया है। कोलकाता के मस्त कावड़ यात्रा संघ सहित अनेक संस्थाओं ने मंदिर कार्यालय में आवेदन देकर अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। धर्मशास्त्र की मान्यता अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है।