लेडर टेक्नोलॉजी से होगा सडकों का सर्वे,लोनिवि ने दिया 30 मई तक का समय

भोपाल,प्रदेश में बनने वाले मुख्य जिला मार्गों की लेडर टेक्नोलॉजी (छह कैमरों वाली मशीन) से ‘3 डी सर्वे’ किया जाएगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 30 मई तक का समय तय किया है।1500 किलोमीटर लंबी इन सड़कों के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक से 3250 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर हुआ है। विभागीय अफसरों को प्रमुख सचिव की नसीहत के बाद प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल ने सभी चीफ इंजीनियरों की मैराथन बैठक में मुख्य जिला मार्गों (एमडीआर) के बारे में समीक्षा की। इस अवसर पर पॉयलट प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन भी दिया गया। प्रमुख अभियंता ने सभी चीफ इंजीनियरों को शासन के निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि 21 मई तक एक तिहाई सड़कों की डीपीआर तैयार करा ली जाए। उसके बाद बाकी सड़कों के लिए 30 मई का अल्टीमेटम दिया गया है। डेढ़ हजार किलोमीटर लंबी जिले की इन मुख्य सड़कों में से ज्यादातर को मानसून के पहले बनाने को कहा है।
बैठक में उज्जैन, खंडवा, रतलाम, विदिशा, उज्जैन, होशंगाबाद में सर्वे शुरू होने की जानकारी दी गई। बुरहानपुर और खरगोन सहित ग्वालियर-चंबल संभाग में 10-11 मई तक सर्वे शुरू करने की बात कही गई है। बैठक में प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सड़कों का सर्वे जल्दी और गुणवत्तायुक्त करने के लिए लेडर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। आईकॉन इंजीनियर कंसल्टेंट के पास यह मशीन है।इस तकनीक में सड़क के गड्ढे, खाई और पेड़-पौधों की ‘तीन आयामी” इमेज सामने आ जाती है। इससे सड़क की वास्तविक स्थिति का आकलन हो जाता है। पेड़ और खाई की गहराई और आकार आदि की सही तस्वीर भी सर्वे रिपोर्ट में आ जाती है। मशीन में 6 कैमरे रहते हैं जो कि सड़क पर 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और सड़क का तीन आयामी फोटो लेती रहती है। सर्वे के लिए इसमें विशेष सॉफ्टवेयर डाला गया है।

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