मुंबई, डेढ़ महीने सेअधिक समय से रहस्मयी तरीके से गायब एक हाई प्रोफाइल युवती की हत्या की गुत्थी मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सुलझा ली है. इस मामले में पुलिस ने मृतक के दो दोस्तों को गिरफ्तार किया है जिसे कोर्ट ने ११ मई तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया है. दरअसल मशहूर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर फरहान अख्तर की एक्स वाइफ अधुना के सैलून चैन ‘बी ब्लंट’ की फाइनेंस मैनेजर कीर्ति व्यास 16 मार्च से लापता थी. मुंबई के चर्नी रोड इलाके में रहने वाली कीर्ति व्यास अंधेरी की बी ब्लंट कंपनी में फाइनेंस मैनेजर के तौर पर काम करती थी. वह रोज सुबह 9 बजे घर से निकलती थी और रात 9 बजे तक वापस घर आती थी. 16 मार्च को रात जब वह घर नहीं लौटी, तो पिता ने उसे कॉल किया. जब उसका मोबाइल बंद मिला, तो कंपनी में फोन किया गया. पता चला कि वह उस दिन कंपनी में आई ही नहीं. इसके बाद डी.बी. मार्ग में कीर्ति के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई। बाद में क्राइम ब्रांच को केस ट्रांसफर कर दिया गया. अब मुंबई क्रांइम ब्रांच ने एक कार की पिछली सीट पर मिले सूखे खून के दाग से इस मामले को सुलझाने का दावा किया है. क्रांइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक 24 साल की कीर्ति व्यास की हत्या हो चुकी है और इस मामले में कीर्ति के साथ काम करने वाले उनके दो दोस्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक महिला भी शामिल हैं. बताया गया है कि कीर्ति जिस कंपनी में काम करती थी, उसी में दोनों आरोपी कर्मचारी थे. कीर्ति ने कुछ दिन पहले ही सिद्धेश ताम्हाणकर को उसके ढीले काम को लेकर नोटिस भेजा था. शक है कि हत्या की वजह यही होगी. क्रांइम ब्रांच के मुताबिक, 16 मार्च 2018 को जब कीर्ति मुंबई के ग्रांट रोड इलाके से अपने दफ्तर अंधेरी जाने के लिए निकली, तभी आरोपियों ने पहले कीर्ति का अपहरण किया और चलती कार में ही उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी. इसके बाद दोनों आरोपी लाश को कार में छोड़ कर दफ्तर में काम करने के लिए पहुंचे गए. शाम को वापस आकर दोनों आरोपियों ने लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसे मुंबई के पास वडाला इलाके में एक सुनसान जगह पर गाड़ दिया. कृति की गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को डेढ़ महीने से अधिक का वक्त लग गया, वहीं इस दौरान दोनों आरोपी सिद्धेश ताम्हणकर और खुशी पुलिस व पीड़ित परिवार के साथ मिलकर कीर्ति को खोजने का खेल खेलते रहे, ताकि किसी को भी इस मामले में उन पर कोई शक न हो. शुरुआत में पुलिस के सामने सबूत के नाम पर सिर्फ एक सीसीटीवी फुटेज था, जिसमें आरोपी कीर्ति को अपनी कार में लिफ्ट के बहाने कहीं ले जाते दिख रहे हैं. पुलिस की पूछताछ में आरोपी कहते रहे कि उन लोगों ने कीर्ति को पास के ही रेलवे स्टेशन ग्रांट रोड पर छोड़ दिया था, जिसके बाद पुलिस कीर्ति को खोजती रही. जैसे ही यह मामला मुंबई क्राइम ब्रांच के पास आया तो, सबसे पहले पुलिस ने कार की जांच करवाई, जिसमें पुलिस को पीछे डिक्की में कुछ खून के धब्बे मिले थे. पुलिस ने इनके खून के धब्बों का डीएनए टेस्ट कराया तो यह साफ हो गया की खून पीड़ित कीर्ति का ही है. डीएनए रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला की आरोपी सिद्देश सैलून में अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर रहा था, जिसके बाद कीर्ति ने बॉस होने के नाते उसको समझाया भी था, पर सिद्देश नहीं सुधरा. अंत में कीर्ति ने सिद्देश को नोटिस दे कर दूसरी जगह काम खोजने को कह दिया. इससे सिद्देश नाराज हो गया और अपने नोटिस के आखरी दिन उसने अपनी महिला दोस्त खुशी के साथ मिल कर कीर्ति की हत्या कर दी. पुलिस इस मामले में यह जांच कर रही है की पूरे हत्याकांड में महिला आरोपी खुशी ने सिद्देश का साथ क्यूं दिया क्योंकि जिस कार में हत्याकांड को अंजाम दिया गया है वह कार खुशी की थी और हत्या के समय कार खुशी ही चला रही थी. इस हत्याकांड में अब पुलिस कीर्ति की लाश को खोजने के लिए आरोपियों के साथ लगातार कोशिश कर रही है.