आसाराम को जेलर ने फटकारा दोबारा ऑडियो जारी किया तो बंद हो जाएगी एसटीडी सुविधा

जोधपुर,दुष्‍कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने एक दिन पहले जोधपुर सेंट्रल जेल से जो ऑडियो टेप जारी किया था, उसे लेकर बवाल मच गया है। जेल की सुरक्षा-व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने जेल अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
राज्‍य के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, जेल अफसरों ने आसाराम की निगरानी बढ़ा दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि अब वह ऐसा दोबारा करेगा तो उसके फोन पर बात करने की सुविधा खत्‍म कर दी जाएगी। जेल अफसरों के मुताबिक आसाराम ने शुक्रवार रात साबरमती आश्रम में फोन किया था लेकिन वह फोन ऑडिया संदेश रिकॉर्ड करने के लिए था, इसकी जानकारी नहीं है। हम ऑडियो टेप की जांच करेंगे। फोन पर जो भी बात हुई है, वह जेल में लगे रिकॉर्डर में रिकॉर्ड है। जयपुर जेल मुख्यालय ने इसकी रिपोर्ट मांगी है।
आसाराम ने जो दो नंबर जेल अफसरों को दिए हैं। उनमें एक उसके साबरमती स्थि‍त आश्रम का है, जबकि दूसरा उसकी पत्‍नी का है। आश्रम में उसने साल में दो या तीन बार फोन किया होगा, लेकिन पत्‍नी से ज्‍यादा बात करता है। बुधवार को उम्रकैद की सजा होने के दो दिन बाद आसाराम का सोशल मीडिया पर लाइव आया था। इसमें वह अपने समर्थकों से कह रहा था कि यह मेरे खिलाफ साजिश है। मैं जल्‍द ही बाहर आऊंगा। पहले शिल्‍पी बेटी को निकलवाऊंगा फिर शरद को। उसके बाद मैं तुम लोगों के बीच आ जाऊंगा। यह आडियो संदेश आसाराम के आश्रम के फेसबुक पेज पर काफी देर तक चला।
जब यह वायरल होने लगा तो इसे हटा लिया गया। जेल अफसर ने इस बात की पुष्टि की थी कि शुक्रवार को आसाराम ने फोन पर एक नंबर पर बात की थी। यह खबर फैलने के बाद जेल प्रशासन जागा और उसने आननफानन में आसाराम को ऐसा न करने की चेतावनी दे डाली। तिहाड़ के जेल मैनुअल के मुताबिक टेलीफोन सुविधा हर कैदी के लिए है। वह अधिकतम पांच मिनट तक बात कर सकते हैं। मकोका, एनएसए, पीएसए या अन्‍य किसी आतंकी गतिविधि में निरुद्ध कैदी को फोन पर बात करने की सुविधा नहीं दी जाती। इसके लिए जिन नंबरों पर वह बात करना चाहते हैं उनकी जांच होती है। उनके द्वारा फोन पर की गई बात रिकॉर्ड भी की जाती है। नालाबिग से दुष्कर्म के आरोपी आसाराम को जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने 25 अप्रैल को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने इसी मामले में दोषी करार दिए गए शिल्‍पी और शरद चंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई। इससे पहले अदालत ने आसाराम समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया, जबकि दो अन्‍य को बरी करने के आदेश दिए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *