बेंगलुरु,कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, नेताओं का वोटरों से वादों का दौर भी शुरू हो गया है। कई नेता न सिर्फ वादे कर रहे हैं, बल्कि वोट की अपील के साथ लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसा ही कुछ पिछले हफ्ते पश्चिमी बेंगलुरु विधानसभा सीट के लिए एक नेता ने प्रचार करते समय किया। इलाके से एक बड़ी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करने के लिए यह शख्स एक वोटर के घर में घुसा और उनके घर में मौजूद महिला को सोने की नथ दे दी। इससे पहले कि वह महिला उस नथ को पहनती, प्रचार करने वाले शख्स ने जेब से मां ओम शक्ति की तस्वीर निकाली और परिवार से कसम खाने को कहा कि वे इसी कैंडिडेट को वोट देंगे। इसके बाद प्रचार करने वाले शख्स ने पूरे मोहल्ले में ऐसे ही वोट मांगे। उसे पता था कि इस इलाके में इन देवी को लोग खास तौर पर महत्व देते हैं। वोटर्स को कुछ भी ‘उपहार’ देने से पहले कसम दिलाने का चलन जोर-शोर से चल पड़ा है। उपहार में सोने की बाली, नथ से लेकर पूजा का सामान, कुकर, घड़ियां तक हैं, वहीं कसम दिलाने के लिए भगवानों को भी बहुत सूझ-बूझ के साथ चुना जा रहा है। एक कैंपेनर ने कहा, हमारा मानना है कि अगर कोई वोटर अपने आराध्य की कसम खा रहा है, तो वह हमें ही वोट देगा, किसी भी हाल में मुकरेगा नहीं। कैंपेनर्स द्वारा इस्तेमाल की जा रही भगवानों की तस्वीरें क्षेत्र और समुदाय के हिसाब से अलग-अलग हैं। कोप्पल के रहने वाले कुरुबा समुदाय के लोग हुलजंती मलिंगराया को मानने वाले हैं। कोप्पल के रहने वाले सोशल वर्कर आर रवि ने बताया, नेता वोटों के लिए अपील करते वक्त और कुछ उपहार देते वक्त देवी-देवताओं की कसम दिलाना नहीं भूल रहे हैं। हालांकि, कुछ पढ़े-लिखे लोग वोटिंग के समय इसे नहीं मानेंगे, मगर ज्यादातर लोग इस कसम को तोड़ नहीं पाएंगे। इसकी क्या गारंटी है कि उपहार लेने और कसम खाने वाले वोटर्स वोट देंगे ही? इस पर राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रचार करने वालों का कहना है कि पिछले चुनावों के रिकॉर्ड दिखाते हैं कि ज्यादातर लोगों ने अपनी बात रखी और जिस पार्टी को वादा किया था, उसे ही वोट किया। एक अन्य कैंपेनर ने कहा, हालांकि कुछ चालाक वोटर्स भी होते हैं। मान लीजिए, किसी परिवार में चार सदस्य हैं। तो सभी मिलकर सारी पार्टियों से उपहार भी ले लेते हैं और कसमें भी खा लेते हैं। बाद में ये लोग वोटिंग के दौरान अलग-अलग पार्टियों को वोट दे देते हैं। इस तरह इनकी कसम भी पूरी हो जाती है और उपहार तो मिल ही चुके होते हैं।