पदोन्नत्ति में आरक्षण के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन 17 जून से

नई दिल्ली,देश भर के 18 राज्यों के अनारक्षित शासकीय कर्मचारी आगामी 17 जून से पदोन्नत्ति में आरक्षण के विरुध्द एक व्यापक राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेंड़ेंगे। इस हेतु एक संयुक्त आंदोलन समिति का गठन किया गया है। यह आंदोलन केंद्र सरकार के उस फैसले के विरुध्द किया जायेगा। जिसके तहत सरकार एक अध्यादेश लोने की बात कर रही है जिसके द्वारा एम. नागराज मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को खारिज करने की तैयारी की जा रही है।
ज्ञात रहे कि 2006 एम. नागराज मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह व्यवस्था दी गयी थी कि सरकार पदोन्नत्ति में आरक्षण तब तक नहीं दे सकती है, जब तक वह ठोस आंकड़ों के आधार पर यह न साबित कर सके, कि उस जाति के पिछड़ेपन, प्रतिनिधित्व, तथा प्रशानिक कुशलता आदि को प्रमाणित रुप से सिध्द नहीं कर दिया जाता है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय समानता मंच नामक संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार के मंत्री समूह द्वारा यह निर्णय लिया जा चुका है जिसके अनुसार केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है।
जिसके माध्यम से एम नागराज मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को समाप्त किया जा सके।
भारतीय समानता मंच का कहना है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान तथा पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को तरफ से आये बयानों के कारण राजकीय कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी रोष व्याप्त है। अभी हाल ही मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दलित एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तारी के प्रावधानों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के विषय में भी अध्यादेश लाने की तैयारी की जा रही है।
भारतीय समानता मंच द्वारा बताया गया है कि आगामी 17 जून “काला दिवस” के रुप में मनाया जायेगा तथा इस दिन से देश के समस्त राज्यों की राजधानियों में भारी संख्या में शासकीय कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

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