अंबाला,वर्तमान में जब लड़कियां हर क्षेत्र में आसमान की ऊंचाइयों को छू रही हैं, सोनीपत के एक गांव में लड़कियों के जींस पहनने और मोबाइल पर बात करने से ऐतराज किया जा रहा है क्योंकि यहां लोगों को मानना है कि ऐसा करने वाली लड़कियां बहक जाती हैं और लड़कों के साथ भाग जाती हैं। इस गांव के सरपंच के मुताबिक पूरा गांव इस बात के समर्थन में है। गोहाना के नजदीक गांव ईशापुर खेड़ी में पंचायत ने तालिबानी फरमान सुनाया है कि गांव की लड़कियां जींस नहीं पहनेंगी और मोबाइल भी नहीं रखेंगी।
पंचायत ने इसके पीछे तर्क दिया है कि पिछले दिनों गांव में तीन मामलों में लड़कियां अपने प्रेमी के साथ शादी के लिए चली गई थीं और जांच में पाया गया कि ये लड़कियां जींस पहनती थीं और मोबाइल पर बात करती थीं। इसके लिए बाकायदा गांव में मुनादी कराई गई है और पंचायत की ओर से सरपंच खुद लोगों के बीच मीटिंग करके फैसले पर अमल कराने के लिए लोगों से कह रहे है। ताज्जुब की बात यह है कि ग्रामीण पंचायत की फैसले की सराहना कर रहे हैं और सुनिश्चित करना चाह रहे हैं कि गांव की कोई लड़की जींस न पहने। पिछले दिनों लिए गए इस फैसलों को अब सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरपंच प्रेम सिंह का कहना है कि गांव ईशापुर खेड़ी में पिछले दिनों दो-तीन घटनाएं हुईं, जिसमें गांव की लड़कियां अपने प्रेमियों के साथ निकल गईं। मुनादी कराने के बाद इस पर अमल कराने के लिए सरपंच खुद लोगों के बीच जाकर मीटिंग कर रहे है। सरपंच का दावा है कि इस फैसले को पूरे गांव का समर्थन मिल रहा है। सरपंच प्रेम सिंह का कहना है कि उनकी खुद दो बेटियां और एक क्लास 9 में पढ़ने वाली नतिनी है। नतिनी को बात करने के लिए सबसे सिंपल फोन दिया जाता है जो उसके माता-पिता के पास रहता है। पंच सुरेंद्र सिंह फैसले का समर्थन करते हुए कहते हैं कि उनकी भी 10वीं में पढ़ने वाली बेटी है और यह फैसला उसके हित में है। बता दें ऐसे कई तुगलकी फैसले हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में लिए जाते रहे हैं।
सोनीपत के एक गांव में लड़कियों के जींस पहनने और मोबाइल रखने पर ऐतराज
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