‘डियर फ्रेंडस ,स्पीक अप विद्रोही सिन्हा की आडवाणी और जोशी से अपील, मोदी सरकार का करे विरोध

नई दिल्ली,भाजपा ​के बागी नेता यशवंत सिन्हा पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी पर हमलावर हैं। सिन्हा ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा सांसदों के नाम एक खुला खत ‘डियर फ्रेंडस ,स्पीक अप ‘ लिखा है। उन्होंने सांसदों से मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है। यही नहीं उन्होंने पार्टी के ​वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी स्टैंड लेने की अपील की है।
मोदी सरकार के खिलाफ लिख इस विद्रोही खत में सिन्हा ने लिखा कि 2014 के चुनाव में जीत के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मेहनत की थी। उनकी मेहनत के दम पर ही हमने इतनी बड़ी जीत हासिल की। सरकार अब चार साल पूरे कर चुकी है और पांच बजट पेश कर चुकी है लेकिन ऐसा लगता है कि हम लोगों का विश्वास खो चुके हैं। उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार लगातार दावा कर रही है कि भारत दुनिया की सबसे तेज विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है लेकिन ऐसी अर्थव्‍यवस्‍था में किसानों की हालत खराब नहीं होती,युवक बेरोजगार नहीं होते और छोटे व्‍यापार का खात्‍मा नहीं होता जिस तरह पिछले चार सालों में देखने को मिला है।
भाजपा के ​वरिष्ठ नेता ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा कि देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं लगातार रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं। बलात्‍कारियों पर सख्‍त कार्रवाई करने के बजाय हम उनसे क्षमा मांगते हुए दिख रहे हैं। आज दलित और आदिवासी काफी परेशान हैं। प्रधानमंत्री लगातार विदेश घूमते हैं,उनकी अन्य नेताओं के साथ गले मिल रहे हैं लेकिन बावजूद इसके आज भी पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्ते नहीं सुधरे हैं। चीन भी अब भारत पर अपनी दादागिरी दिखा रहा है।
सिन्हा ने खत में लिखा कि पार्टी के अंदर में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है। कई सांसद इस बात की शिकायत करते हैं कि उनकी आवाज़ को सुना नहीं जाता है और बैठकों के अंदर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।बजट सत्र के पूरी तरह से खराब होने के बाद भी प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेताओं के साथ कोई बैठक नहीं की। ऐसा लगता है कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना रह गया है। उन्होंने लिखा कि अब समय आ गया है कि हमें इन मुद्दों को लेकर बोलना चाहिए। हाल में कुछ दलित सांसदों ने अपनी आवाज़ को उठाया था। यशवंत ने लिखा कि इस सरकार की कुछ सफलताएं भी रही हैं लेकिन ज्यादा विफलताएं ही रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *