जबलपुर,एटीएम में कैश की कमी होने के कारण पिछले एक पखवाड़े से हालात फिर नोटबंदी जैसे हो गये हैं एटीएम के सामने कैश नहीं का बोर्ड लगता है, जिन इक्का-दुक्का एटीएम में कैश है वहां लम्बी-लम्बी लाईन लगी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास कैश की कमी है यह आरबीआई द्वारा सिस्टम को धीरे-धीरे कैश लेस की ओर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह जांच का विषय है लेकिन यह भी सच है कि छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिये लोगों को कैश की ही जरूर पड़ती है। सुबह ब्रेड खरीदना हो या बिस्किट या दूध लेना हो या सब्जी कैश की ही जरूरत पड़ती है। एटीएम में कैश की कमी से लोगों का गुस्सा अब उबलने लगा है। बैंक के अधिकारी और हेल्प लाईन नम्बर मेंं फोन लगाने पर कोई जवाब नहीं मिल रहा बैंक वाले यह कह देते हैं कि मुख्यालय को सूचना भेज दी है कैश उपलब्ध होते ही एटीएम में कैश भर दिया जायेगा। शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो गया है दूर-दराज से लोग एटीएम लेकर दूसरे-दूसरे शहरों में चले गये हैं इसके बाद भी एटीएम में कैश नहीं होने पर वे बुरी तरह फंस गये हैं, खर्चे को मोहताज हो गये हैं। कैश लेस एटीएम से भड़के लोगों ने राईट टाउन क्षेत्र में स्थित यूको बैंक के एक एटीएम में तोड़फोड़ का प्रयास किया तो वहीं कटंगी में गुस्साये लोगों ने एसबीआई बैंक के एक एटीएम में तोड़फोड़ कर दी। शहर में ४०० एटीएम लगे हुये हैं लेकिन पिछले एक पखवाड़े से ३०० एटीएम में पैसे नहीं हैं अपना पैसा पाने के लिये लोग भटक रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में और भी बुरा हाल है। बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगे एटीएम में पिछले २ महीनों से कैश नहीं है। एक बार फिर लोगों को नोटबंदी जैसे हालातों का सामना करना पड़ रहा है। यहां सवाल यह उठ रहा है कि क्या आरबीआई ने ५०० और २००० के नोट छापना बंद कर दिये हैं या सिस्टम को कैश लेस की ओर धकेला जा रहा है…? कैश की किल्लत कब दूर होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। प्रशासन चुप है और जनप्रतिनिधि भी मौन साधे हैं। व्यापारियों और छोटे लोगों की परेशानियां बढ़ गईं हैं।