नागपुर,अगर निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं है तो देश में कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है। यह कहा है, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस जे. चेलमेश्वर का। नागपुर में एनएल बेलेकर मेमोरियल लेक्चर के दौरान ‘रूल ऑफ लॉ और रोल ऑफ बार’ पर बोलते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि देश में एक मजबूत, निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायपालिका का होना बहुत जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां गौरव और सम्मान के साथ रह सकें। जस्टिस चेलमेश्वर के मुताबिक, अगर हम चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ियां देश में सम्मान और गौरव के साथ रहें तो हमें उनके लिए देश की न्यायपालिका को संरक्षित और मजबूत बनाना चाहिए। न्यायपालिका पर कार्यपालिका की दखलअंदाजी का खतरा बढ़ रहा है, इसलिए बार काउंसिल को विजिलेंस की भूमिका में आना चाहिए। उन्होंने कहा, न्यायिक जांच की व्यवस्था को खत्म करने से सभी तरह की सरकारों की शक्ति एकदम से बढ़ जाएगी। ऐसा होने पर हालात बेकाबू होंगे। किसी के हाथ में भी राजनीतिक शक्ति दे देने से भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति बढ़ने लगती है। बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट विवाद को लेकर जस्टिस चेलमेश्वर सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने कहा कि 12 जनवरी को उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ के साथ जो संवाददाता सम्मेलन किया था, वह रोष और सरोकार का नतीजा था, क्योंकि शीर्ष न्यायालय के कामकाज के बारे में उनकी तरफ से उठाए गए मुद्दों पर सीजेआई के साथ उनकी चर्चा का वांछित नतीजा नहीं निकल पाया था। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर बात करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने पीठों के गठन और विभिन्न जस्टिसों को मामलों के आवंटन में सीजेआई की प्राथमिकता पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, सीजेआई मास्टर ऑफ रोस्टर हैं। बेशक, सीजेआई के पास यह ताकत है। सीजेआई के पास पीठें गठित करने की शक्ति है, लेकिन संवैधानिक प्रणाली के तहत हर अधिकार के साथ कुछ खास जिम्मेदारियां होती हैं।
स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना कोई सुरक्षित नहीं: जस्टिस चेलमेश्वर
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