नई दिल्ल,रेप केस के आरोपी पूर्व मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद का केस वापस लेने पर पीड़िता ने कहा कि मैं भी किसी बेटी हूं, मुझे इंसाफ चाहिए, केस वापस लेना लोकतंत्र की हत्या जैसा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उप्र सरकार ने स्वामी चिन्मयानंद का लगाए गए रेप केस को खत्म करने का फैसला लिया है। पीड़िता ने कहा कि सरकार को अगर कोर्ट के निर्णय पर भरोसा नहीं है, तो आम लोगों का क्या होगा? कम से जिस व्यवक्ति पर आरोप लगाया गया है, उसे ट्रायल का तो सामना करना चाहिए, आप किसी का इस हद तक पक्ष ले रहे हैं कि उसे ट्रायल तक फेस नहीं करने देना चाहते। यह न्याय और लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।
स्वामी चिन्मयानंद के विद्यालय की पहले प्राचार्य रह चुकी पीड़िता ने कहा कि भी इंसान सत्ता में होता है, वह सत्ता का दुरुपयोग करना चाहता है। लड़कियां उनकी सहज शिकार बन जाती हैं। वह अगर आवाज उठाना भी चाहती हैं, तो आवाज नहीं उठाने दी जाती। ताकतवर लोग अपनी ताकत और संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। सरकार भी अगर इसमें शामिल हो जाएगी तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा?उन्होंने कहा हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, लड़ाई खत्म होने की बस एक स्थिति है कि न्याय मिल जाए। अगर न्याय नहीं मिलेगा तो लड़ाई कैसे खत्म होगी। सरकार ने पूरी व्यवस्था से बाहर जाकर केस वापस लेने अर्जी दी है। मुझे न्याय व्यवस्था पर विश्वास है कि जज साहब सरकार की अर्जी को नहीं मानेंगे।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सांसद रहे स्वामी चिन्मयानंद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री थे। उस समय उनके संपर्क में आई एक महिला उनके एक विद्यालय में प्राचार्य थी। उसने 30 नवम्बर 2011 को चिन्मयानन्द के खिलाफ शहर कोतवाली में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। इस मामले को राज्य सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है।