भोपाल,प्रदेश के सभी निजी मेडिकल कॉलेज और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को अब पीजी कोर्स (पोस्ट ग्रेजुएट) आरंभ करना होगा। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमआईसी) के पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल शिक्षा नियमन 2000 में किए गए संशोधनों के अनुसार मौजूदा सभी मेडिकल कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 से पीजी कोर्स शुरू करना अनिवार्य है। यह नियम नए मेडिकल कॉलेजों के साथ ही पहले से चले आ रहे निजी मेडिकल कॉलेज और सरकारी मेडिकल कॉलेजों पर भी लागू हैं। इसके साथ ही नए मेडिकल कॉलेजों को अंडरग्रेजुट कोर्स की मान्यता मिलने के तीन वर्ष के भीतर पीजी कोर्स शुरू करने हैं। एमआईसी द्वारा किए गए संशोधन के अनुसार ऐसा करने में विफल रहने वाले संस्थानों की मान्यता तक रद्द कर दी जा सकती है। इसके लिए मंत्रालय ने संशोधनों को मंजूरी दे दी है और नए नियमन को जल्द ही अधिसूचित किया जाना है।
इसके साथ ही बताया जाता है कि इस कदम के जरिए देश में चिकित्सकों की कमी की समस्या का समाधान निकालने का प्रयास है।सूत्रों की माने तो इस संशोधन के बाद सरकार को देशभर में आने वाले चार सालों में 10 हजार से ज्यादा पीजी मेडिकल सीट बढ़ने की संभावना लगती है। इसके साथ ही शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सीटों में वृद्घि की मंजूरी देने से पहले एमसीआई की ओर से निरीक्षण किया जाएगा, जिसके बाद मेडिकल कॉलेजों को पीजी सीटों के लिए अप्लाई करना होगा। यहां बता दें कि फिलहाल एमआईसी के अंतर्गत 476 से भी ज्यादा मेडिकल कॉलेज पंजीकृत हैं, जिनमें देशभर में 60 हजार से भी ज्यादा एमबीबीएस सीट हैं। मगर पोस्ट ग्रेजुएट सीट (डिग्री-डिप्लोमा) 30 हजार से भी कम हैं। यही वजह है कि सरकार को यह निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पडा है।